अयोध्या

हम भी तरे, तुम भी तरे, तर गया ये संसार जी,
अयोध्या में राम आयो जी, धरा पर राम आयो रे।
भक्तों का काम बन गयो जी, भगवा घर-घर लहरायो रे।।
बोलो जय सिया राम, सब बोलो जय सिया राम।
बाइस जनवरी मंगलवार, भारत में आई नई बहार।।
देख के मंत्रमुग्ध हुए, नर-नारी और घर-द्वार।
सूरज भी तरे, चंदा भी तरे, तर गयो ये संसार जी।।
अयोध्या में राम आयो जी, धरा पर राम आयो जी।
बोलो जय सिया राम, सब बोलो जय सिया राम।।
बारह बजकर उन्तीस मिनट, खुलेगा जब राम का पट।
अध्यात की आंखों से खुशियां भरेंगे हम।
झटपट ये भी तरे, वो भी तरे, तर गयो ये संसार जी।।
अयोध्या में राम आयो जी, धरा पर राम आयो जी।
बोलो जय सिया राम, सब बोलो जय सिया राम।।
धनुषधारी-पीतंबर धारी, रंग-रूप है बड़ी ही न्यारी।
राम लखन सीता मैया, बजरंगी हैं बने सवारी।।
रात तरी, दिन तरे, तर गयो ये संसार जी।
अयोध्या में राम आयो जी, धरा पर राम आयो जी।
भक्तों का काम बन गयो जी, भगवा घर-घर लहरायो जी।।
बोलो जय सिया राम, सब बोलो जय सिया राम।
संजीव कुमार पांडेय, नालंदा

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