मुख्यपृष्ठसमाचारबच्चे की बीमारी से पकड़ा गया बाल तस्करी गिरोह!

बच्चे की बीमारी से पकड़ा गया बाल तस्करी गिरोह!

-४ महिला सहित ८ लोगों पर केस दर्ज

-रायगढ़ पुलिस को किया ट्रांसफर

सामना संवाददाता / मुंबई

रायगड में बाल तस्करी करनेवाले एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए भोईवाड़ा पुलिस ने आठ व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। इस गिरोह का असलियत तब सामने आई, जब गोद लेने की अधूरी प्रक्रिया में एक बच्चे को स्वास्थ्य समस्याओं के कारण वाडिया अस्पताल से पुलिस स्टेशन भेजा गया था। पुलिस ने शिकायत दर्ज कर मामले को रायगड पुलिस को स्थानांतरित कर दिया है। इस मामले में ४ महिला सहित ८ लोगों पर केस दर्ज किया गया है।
क्या है मामला?
मिली जानकारी के अनुसार, रायगड के भरदखोल निवासी परशुराम चौगुले और शेवंती चौगुले शादी के ३० साल बाद भी निःसंतान थे। चौगुले की बहन लक्ष्मी पाटील भी इस बात को लेकर हमेशा दुखी रहती थी। उन्होंने अपने भैया और भाभी को दीप्ति पावसे नाम की एक महिला से मिलवाया, जो अपने बच्चे की देखभाल करने में असमर्थता के कारण ५ हजार रुपए में बेचना चाहती थी। लक्ष्मी पाटील की मध्यस्थता से दीप्ति पावसे ने एक अन्य व्यक्ति चंद्रकांत वाघमारे से बच्चा खरीदा था। हालांकि, बाद में पावसे ने उसे ४० हजार रुपए में बेचने का फैसला किया।
इस तरह हुआ खुलासा
चौगुले दंपति पावसे से ५,००० रुपए की अग्रिम राशि देकर बच्चे को खरीदने के लिए सहमत हो गया और शेष ३५ हजार रुपए जून तक देने का वायदा किया। लेकिन इसी बीच दुर्भाग्य से बच्चा बीमार पड़ गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। जब डॉक्टरों ने दंपति से बच्चे को लेकर जानकारी मांगी तो दंपति संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। इसके बाद डॉक्टरों को संदेह हुआ और उन्होंने इसकी खबर पुलिस को कर दी। यह बात जैसे ही चौगुले दंपति को पता चली वे बच्चे को अस्पताल में छोड़ कर भाग खड़े हुए। इसके बाद पुलिस ने बच्चे को अपने कब्जे में लेकर जब जांच शुरू की तो इस बाल तस्करी गिरोह का खुलासा हुआ। हालांकि, इस मामले को रायगढ़ पुलिस को ट्रांसफर किया गया है, जहां रायगड पुलिस जांच में जुटी हुई है।

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