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मोबाइल की लत से आ सकता है गर्दन में झुकाव!… बढ़ सकती है शारीरिक-मानसिक समस्या

सामना संवाददाता / मुंबई

मोबाइल के अधिक इस्तेमाल से गर्दन की बीमारियां दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं और भविष्य में इसके बढ़ने की संभावना है। ऐसे में यदि आपको भी मोबाइल की लत है तो समय रहते सावधान हो जाइए, कहीं यह गर्दन में झुकाव न ला दे। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार लंबे समय तक गर्दन झुकाकर मोबाइल देखते हुए बैठने पर गर्दन के पीछे की मांसपेशियां लगातार खिंचती रहती हैं और गर्दन के सामने की मांसपेशियां लगातार संकुचन की स्थिति में रहती हैं। इससे गर्दन के हिस्से में चर्बी जमना, गर्दन छोटी होना आदि की समस्या महसूस होती है। इसके साथ ही गर्दन में दर्द भी होता है।
अन्य अंगों पर प्रभाव
चिकित्सक कहते हैं कि शरीर के एक हिस्से में दर्द धीरे-धीरे आसपास के हिस्सों को प्रभावित करता है। गर्दन में हो रहे दर्द के कारण पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द शुरू हो जाता है, जो समय बीतने के साथ ही बढ़ता जाता है। मोबाइल और लैपटॉप इस्तेमाल करनेवाले लोग जो लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे रहते हैं, उनके हाथों की ताकत भी कम हो जाती है।
गलत है सोते समय मोबाइल देखना
रात को सोने से एक-दो घंटे पहले मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। लेकिन अगर कोई जरूरी काम हो तो सोते समय फोन न देखें तो बेहतर है, क्योंकि इससे गर्दन और आंखों पर तनाव पड़ता है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि मोबाइल की नीली रोशनी का नींद पर असर ज्यादा खतरनाक होता है। अगर ये चीजें होती रहीं तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं। इसलिए सोते समय फोन का इस्तेमाल न ही किया जाए तो बेहतर है।
बरतनी चाहिए सावधानी
डॉक्टरों के मुताबिक कभी भी गर्दन को १५ से २० मिनट से ज्यादा एक स्थिति में न रखें। १५-२० मिनट बाद स्थिति बदल लेनी चाहिए। जिस प्रकार नियमित व्यायाम, जिम जाना, पैदल चलना आवश्यक है। उसी तरह गर्दन की मांसपेशियों के लिए भी कुछ एक्सरसाइज हैं, जो बहुत जरूरी हैं। इसके साथ ही खूब पानी पीना, प्रोटीन लेना, आहार में बी१२ बढ़ाना फायदेमंद है।
इन समस्याओं का करना पड़ सकता है सामना
जेजे अस्पताल में ईएनटी विभाग के प्रमुख डॉ. श्रीनिवास चव्हाण ने कहा कि गर्दन की कोई नस दब जाए तो हाथों में झुनझुनी, अकड़न, सुन्नता आ सकती है। दूसरी तरफ हाथ में मोबाइल देखने के लिए आप गर्दन नीचे झुकाते हैं, जिससे गर्दन में खिंचाव, सिरदर्द, गर्दन में दर्द, कंधे और बांह में दर्द होता है। इसके अलावा सांस लेना भी मुश्किल हो सकता है। ऑर्थो सर्जन डॉ. शेर सिंह कक्कड़ ने बताया कि गर्दन झुकने को टेक्स्ट नेक सिंड्रोम भी कहते हैं।

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