मुख्यपृष्ठनए समाचारमुंबई हमले के साजिशकर्ता डेविड हेडली की सीक्रेट गर्लफ्रेंड!

मुंबई हमले के साजिशकर्ता डेविड हेडली की सीक्रेट गर्लफ्रेंड!

जीतेंद्र दीक्षित

क्या आपने राम गोपाल वर्मा की १९९८ में बनाई गई फिल्म ‘सत्या’ देखी है? फिल्म के आखिर में गायिका विद्या (जिसका किरदार उर्मिला मातोंडकर निभातीं हैं) को पता चलता है कि जिस सत्या को वो एक शरीफ आदमी मानकर उसके साथ अपनी जिंदगी बिताने की सोच रही थी, वो एक मोस्ट वांटेड गैंगस्टर होता है। विद्या इस खुलासे से स्तब्ध रह जाती है। आखिर में पुलिस की गोली खाकर मरने से पहले जब सत्या उसके दरवाजे तक पहुंचता है तो वो उसका मुंह तक नहीं देखती। सत्या तो एक काल्पनिक फिल्म थी लेकिन कुछ ऐसी ही एक कहानी असल जिंदगी की भी है, जो कि २६ नवंबर २००८ के मुंबई हमले से जुड़ी है।
२७ नवंबर, २००८ की सुबह अखबार में जब आतंकी अजमल कसाब की तस्वीरें अखबार में छपीं तो लोग ये देखकर चौंक गए कि उसकी कलाई में रक्षा सूत्र बंधा हुआ था। ये रक्षा सूत्र कसाब और उसके साथियों ने जांच एजेंसियों को उलझाने के लिए पहना था, ताकि उन्हें हिंदू समझा जाए। दरअसल, हिंदुओं की ओर से पहने जाने वाले इस धार्मिक प्रतीक का इंतजाम डेविड हेडली नाम के एक शख्स ने आतंकियों के लिए किया था। मुंबई में जिन ठिकानों पर नवंबर २००८ में आतंकी हमला हुआ था, उनकी जानकारी पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक हेडली ने ही लश्कर-ए-तैयबा को दी थी। हेडली, लश्कर के निर्देश पर साल २००७ और २००८ में मुंबई आया था।
साल २००९ में जब हेडली शिकागो में पकड़ा गया तो उससे पूछताछ में पता चला कि मुंबई में उसने फिल्मकार महेश भट्ट के बेटे राहुल भट्ट और उसके जिम ट्रेनर विलास वर्क से दोस्ती कर ली थी, लेकिन एक बात जो दुनिया के सामने नहीं आई वो ये थी कि हेडली ने मुंबई में एक गर्लफ्रेंड भी बना ली थी। इस गर्लफ्रेंड के साथ वो खूब घूमा फिरा और उसे उन ठिकानों पर ले गया जहां उसे आगे चलकर हमले करवाने थे।
२६ नंवबर की रात जिन ठिकानों पर हमले हुए, उनमें से एक ठिकाना कोलाबा का नरीमन हाऊस भी था, जो यहूदियों का धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है। उस इमारत की भौगोलिक स्थिति से परिचित होने के लिए और वहां की सुरक्षा-व्यव्स्था की टोह लेने के लिए वो कई बार वहां गया था। हेडली ने सीएसएमटी रेल स्टेशन के पास ओतराम होटल में एक कमरा भी ले रखा था। उसे पेस्ट्री खाने का शौक था, इसलिए जब भी वो नरीमन हाऊस जाता तो पास ही की एक बेकरी से पेस्ट्री खरीदता। वो बेकरी एक जवान और खूबसूरत महिला चलाती थी। लंबे-चौड़े कदकाठी वाले, मृदुभाषी और गोरे हेडली से जल्द ही उस महिला की गहरी दोस्ती हो गई और दोनों अक्सर मिलने लगे।
हेडली उस महिला के साथ कई जगहों पर घूमा। ताज महल होटल में चलने वाले तमाम रेस्तरां में वो गया, कई शामें ट्राइडेंट होटल में गुजारीं और अक्सर लिओपॉल्ड कैफे में बैठ कर दोनों घंटों गुफ्तगू करते। उसने कभी भी अपनी बातों से महिला को अपने खौफनाक इरादों का पता नहीं चलने दिया। उस महिला के लिए वो एक प्यारा साथी बन चुका था, जिसको लेकर वो भविष्य के सपने बुनने लग गई थी। एक महिला का साथ होना हेडली के मिशन के लिए फायदेमंद था क्योंकि इससे संवेदनशील ठिकानों पर जाते वक्त पुलिसकर्मियों की ओर से शक किए जाने की गुंजाइश कम रहती है। हेडली जहां भी जाता, वहां का जीपीएस लोकेशन नोट कर लेता।
इसी जानकारी के आधार पर २६ नवंबर की रात आतंकी अजमल कसाब और उसके बाकी नौ पाकिस्तानी साथी अलग–अलग ठिकानों पर पहुंचे थे और खून खराबे को अंजाम दिया था। जब हेडली की गिरफ्तारी हुई तो उससे पूछताछ में इस महिला के बारे में भी हिंदुस्थानी जांच एजेंसियों को जानकारी मिली। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच जो कि २६-११ के हमलों की जांच कर रही थी, उसने इस महिला को बुलाकर पूछताछ की और उसका बयान दर्ज किया। चूंकि महिला को साजिश के बारे में कुछ भी नहीं पता था, इसलिए वो गिरफ्तारी से बच गई।
इसके बाद बताया जाता है कि वो महिला कुछ सालों के लिए देश से बाहर चली गई। अब वो वापस हिंदुस्थान आ गई है और मिठाई बनाने और बेचने का बड़ा कारोबार चलाती है। हेडली ने अमेरिका की जेल में रहते हुए अपना जुर्म कबूल कर लिया और सरकारी गवाह बनने को तैयार हो गया। इसके बाद मुंबई की विशेष अदालत में अमेरिकी जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उसकी पेशी हुई। आतंकी हमले में शामिल दस में से नौ आतंकी सुरक्षा बलों की ओर से मार गिराए गए थे, जबकि अजमल कसाब को नवंबर २०१२ में पुणे की यरवदा जेल में फांसी दे दी गई थी। इस मामले में एक और आरोपी जबीउद्दीन अंसारी भी गिरफ्तार हुआ है।

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