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संजय राऊत ने किया श्री कालाराम मंदिर में दर्शन करने श्रीराम कुंड भी पहुंचे

सामना संवाददाता / मुंबई

नासिक में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के महाशिविर और अधिवेशन के निमित्त २२ जनवरी को शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे प्रभु श्रीराम का दर्शन करके गोदावरी माता की महाआरती करेंगे। इस पृष्ठभूमि में रविवार को शिवसेना नेता व सांसद संजय राऊत और शिवसेना नेता, सांसद अनिल देसाई ने श्री कालाराम मंदिर में दर्शन किया। साथ ही श्रीराम कुंड का भी भ्रमण कर निरीक्षण किया।
नासिक में २३ जनवरी को शिवसेना का महाशिविर और अधिवेशन होगा। उस तैयारी की समीक्षा के लिए होटल एक्सप्रेस इन में अयोजित बैठक में रविवार को शिवसेना नेता, सांसद संजय राऊत, शिवसेना नेता, सांसद विनायक राऊत, शिवसेना नेता, सांसद अनिल देसाई उपस्थित थे। इस दौरान पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए। शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे २२ जनवरी को श्री कालाराम मंदिर में प्रभू श्रीराम का दर्शन करेंगे। उसके बाद गोदावरी की महाआरती करेंगे। रविवार को कलाराम मंदिर में दर्शन करने के बाद संजय राऊत और अनिल देसाई का मंदिर संस्थान की ओर से सत्कार किया गया। उसके बाद श्रीराम कुंड पहुंच वहां का दौरा कर महंत सुधीर महाराज पुजारी, प्रतीक शुक्ल से उन्होंने जानकारी ली। इस दौरान संपर्कप्रमुख जयंत दिंडे, जिलाप्रमुख विजय करंजकर, नितीन आहेर, कुणाल दराडे, सहसंपर्कप्रमुख दत्ता गायकवाड, महानगरप्रमुख सुधाकर बडगूजर, विधायक नरेंद्र दराडे, जलगांव जिला संपर्कप्रमुख संजय सावंत, धुले जिला संपर्कप्रमुख अशोक धात्रक, पूर्व विधायक वसंत गीते, विनायक पांडे समेत बड़ी संख्या में पदाधिकारी और शिवसैनिक उपस्थित थे।

नासिक में हम श्रीराम का करेंगे जाप

नासिक की पुण्य भूमि पर २२ और २३ जनवरी को शिवसेना के राजनीतिक, धार्मिक और सांस्कृतिक ऐसे दो कार्यक्रम होंगे। २३ तारीख को हुतात्मा अनंत कान्हेरे मैदान में विराट सभा को उद्धव ठाकरे संबोधित करेंगे। इस सभा के जरिए शिवसेना का प्रचार अभियान तेज किया जाएगा। शिवसेना नेता संजय राऊत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम नासिक शहर में दो दिनों तक श्री राम का जाप करेंगे। २२ जनवरी को अयोध्या में श्री राम मंदिर का उद्घाटन होगा। यह मंदिर खड़ा रहे, भक्तों के लिए खुले, यह राजनीतिक अस्मिता का मुद्दा था और है। इस मंदिर के लिए शिवसेना द्वारा किया गया बलिदान और संघर्ष इतिहास के पन्नों में दर्ज है। हजारों शिवसैनिकों ने कारसेवक के रूप में कार्य किया, अनगिनत शिवसैनिकों को गोलियों का सामना करना पड़ा, संघर्ष में कई गिरफ्तार किए गए। उन्होंने यह भी कहा कि इस मंदिर से हमारा भावनात्मक रिश्ता कायम है।

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