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बजट पेश कर ठाणे मनपा ने ठाणेकरों को दिया झुनझुना! …जनता का सवाल, बिना पैसों के वैâसे होंगे वादे पूरे?

कर्ज में डूबी मनपा का होगा बेड़ा पार?

सामना संवाददाता / ठाणे
जमा और खर्च का हिसाब-किताब बिगड़ने से खराब वित्तीय परिस्थितियों से जूझ रही ठाणे मनपा के आयुक्त व प्रशासक अभिजीत बांगर ने कल ५,०२५ करोड़ रुपए का बजट पेश किया। इसमें स्वास्थ्य व्यवस्था महिला सशक्तिकरण, ट्रैफिक समस्या और पार्विंâग व्यवस्था को सुधारने समेत कई मूलभूत सुविधाओं पर बल दिया गया है। प्रशासक बांगर ने दावा किया कि इस बार का बजट पूरी तरह से अनुशासित और कम खर्चीला है। इसके साथ ही महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और युवाओं के लिए कल्याणकारी योजनाओं पर जोर दिए जाने का भी दावा किया है। दूसरी तरफ यह चुनावी वर्ष है, इसलिए किसी कर-दर में बढ़ोतरी नहीं की गई है। इतना जरूर है कि लोगों को लुभाने के लिए इस बजट में सरकार की योजनाओं को जगह दी गई है। लेकिन दूसरी तरफ यह सवाल भी उठ रहा है कि जब ठाणे मनपा के पास पैसा ही नहीं है तो उसके द्वारा किए गए वादे वैâसे पूरे होंगे? ठाणे मनपा पूरी तरह से सरकार पर निर्भर रहेगी, इसलिए योजनाएं समय पर पूरी होंगी इस पर संदेह जताया जा रहा है। साथ ही कर्ज में डूबी मनपा का बेड़ा क्या पार होगा, इस पर भी सबकी नजर होगी।
क्या है बजट में?
ठाणे मनपा में गुरुवार को वित्त वर्ष २०२४-२५ के लिए राजस्व व्यय ३,३४५.६६ करोड़, पूंजीगत व्यय १,६७९ करोड़, अंतिम शेष ३५ लाख के साथ कुल ५,०२५.०१ करोड़ रुपए का अनुमानित बजट, जबकि साल २०२३-२४ के लिए ४३७० करोड़ का अंतरिम संशोधित बजट पेश किया गया। इस साल इसमें करीब ६५५ करोड़ रुपए की बढ़ोतरी देखी गई है। पिछले साल के बजट में जलापूर्ति, अग्निशमन, विज्ञापन, रियल इस्टेट आदि विभागों की आय में कमी के बावजूद नगर विकास विभाग की आय बढ़ी है। इसलिए राजस्व आय ३,१६०.१६ करोड़ के स्थान पर ३,०९२.३९ करोड़ रुपए संशोधित कर दी गई है। इसके साथ ही मनपा द्वारा अपेक्षित ४६०.०५ करोड़ की सब्सिडी में ६९७.९८ करोड़ की बढ़ोतरी हुई है और संशोधित बजट में १,१५८.०३ करोड़ की सब्सिडी मिलने की उम्मीद की गई है। दिसंबर २०२३ के अंत में ९८९.२९ करोड़ की सब्सिडी प्राप्त हुई थी। प्राप्त अनुदान की अनुमानित राशि २०२३-२४ के प्रारंभिक शेष में शामिल है। व्यय में २०२३-२४ में राजस्व व्यय २७०८.८३ करोड़ रुपए होने की उम्मीद थी। संशोधित बजट में इसके २६७२.७९ करोड़ होने की उम्मीद है। इसी तरह पूंजीगत अनुदान में वृद्धि के कारण पूंजीगत व्यय १६६०.९१ करोड़ को संशोधित कर २०४९.४३ करोड़ कर दिया गया है।
प्रॉपर्टी टैक्स से राजस्व बढ़ाने की कोशिश
प्रॉपर्टी टैक्स से मनपा को साल २०२३-२४ में ७६१.७२ करोड़ की आय की उम्मीद थी। दिसंबर के अंत में ४८१.३६ करोड़ की आय होने से इस टैक्स से ७३८.७१ करोड़ रुपए संशोधित कर दिए गए हैं। इसकी वसूली के लिए छूट योजना भी लागू की गई। साल २०२४-२५ में प्रॉपर्टी टैक्स ८१९.७१ करोड़ मिलने का अनुमान है। साथ ही बढ़ी हुई मांग और बढ़े हुए राजस्व के आधार पर संपत्तियों का जीआईएस सर्वेक्षण और उसमें बढ़ोतरी, संपत्ति कर डेटा अन्य विभागों के डेटा के साथ तुलना कर सत्यापन करता है, जिससे डेटा में सुधार होता है और संपत्ति कर की मांग में वृद्धि होती है।
संकट में जलापूर्ति विभाग की वसूली
जलापूर्ति विभाग को २२५ करोड़ की आय की उम्मीद थी। लेकिन सिर्फ ६३.७६ करोड़ की वसूली ही को सकी है। ऐसे में इस साल २२५ करोड़ की आय की उम्मीद की गई है। इस बार पानी के बिल की वसूली के लिए दंडात्मक कार्रवाई के साथ ही नल कनेक्शन काटने पर भी जोर दिया जाएगा। इसके अलावा अनधिकृत प्रॉपर्टी पर पेनल्टी लगाते हुए दोगुना टैक्स वसूल किया जाएगा। इसके अलावा फायर ब्रिगेड से १००.३ करोड़ रुपए, रियल एस्टेट विभाग से १२.१५ करोड़ रुपए, विज्ञापन शुल्क से २४.६२ करोड़ रुपए, सब्सिडी २८४.३२ करोड़ रुपए के आय मिलने की उम्मीद है।

कर्ज में दबी मनपा  
मनपा की वित्तीय स्थिति अभी भी सही तरीके से जनता के सामने नहीं आई है। मनपा के ऊपर आज भी ९३.६२ करोड़ का कर्ज है। इसी में केंद्र सरकार ने अमृत २ के तहत जलापूर्ति विस्तार के लिए ३२३ करोड़ रुपए की डीपीआर को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत केंद्र सरकार की २५ प्रतिशत, राज्य सरकार की २५ प्रतिशत और मनपा की ५० प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। मनपा ने अपने हिस्से की राशि को म्युनिसिपल बॉन्ड या कर्ज के माध्यम से बढ़ाने की योजना बनाई है।

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