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मौत का कुआं : प्रदूषण फैलाने वाले तेल कुएं के खिलाफ जिद ने जीती जंग!…`मुझे कोई साइलेंट किलर धीरे-धीरे जहर में डुबो रहा था’

मनमोहन सिंह

जब वह सुबह सोकर उठी तो उसकी नाक से खून बह रहा था, लेकिन यह आज पहली बार नहीं हो रहा था। इसके कुछ दिन पहले उसके पेट में अचानक तेज दर्द होने के साथ ही उल्टी शुरू हो गई थी। शरीर में ऐंठन होने लगी थी और वो चल नहीं पा रही थी। उसकी खराब होती जा रही हालत को देखकर उसकी मां उसे उठाकर डॉक्टर के पास ले गई। उस बच्ची ने महसूस किया कि सिर्फ उसकी ही तबीयत खराब नहीं हो रही, बल्कि उसके परिवार वालों को भी कुछ-न-कुछ तकलीफें हो रही हैं। बाद में उसे और उसकी मां को पता चला कि उनके घर के पास एक तेल के कुएं से निकलने वाली गैस की वजह से पूरा इलाका बीमार पड़ रहा था। उस छोटी बच्ची ने अपनी एक टीम बनाई और उसे कुएं के खिलाफ जंग शुरू कर दी। सबसे बड़ी बात उसने वह जंग जीत भी ली।
आगे की कहानी उन्हीं के शब्दों में
`मैं दक्षिण लॉस एंजिल्स के यूनिवर्सिटी पार्क क्षेत्र में पली-बढ़ी हूं। हमारे घर के सामने सड़क के पार एक तेल का कुआं था, जिसका स्वामित्व २००९ से एलेन्को के पास था। हम एक अपार्टमेंट में रहते थे। मैं, तीन भाई- बहन, मां, दादी, परदादी और परदादा सहित केवल आठ लोग। मेरी मां मेक्सिको से हैं और मेरे पिता कोलंबिया से हैं। जब मैं दो साल की थी तब उन्हें निर्वासित कर दिया गया था। २०१० में मैं अचानक बीमार पड़ गई। मैं इतना कमजोर हो गई थी कि मुझे लगता था कि मैं जम-सी गई हूं। मां को कभी-कभी मुझे अपनी गोद में उठाना पड़ता था। फिर नाक से खून बहना शुरू हो गया, इतना गंभीर कि मैं बैठे-बैठे सो गई, ताकि अपने ही खून के कारण मेरा दम न घुट जाए। जब मैंने और मेरी मां ने इस पर ध्यान दिया तो हमें समझ आया कि इससे सिर्फ मेरे स्वास्थ्य पर असर नहीं पड़ रहा था, बल्कि हर किसी पर इसका अपने तरीके से असर हो रहा था।’ `मेरी मां को चालीस साल की उम्र में ही सांस की बीमारी हो गई थी, जो अपने-आप में अचरज की बात है। मेरी दादी को ७० साल की उम्र में अस्थमा की शिकायत हो गई। मेरी बहन को फाइब्रॉयड की समस्या थी और मेरे भाई को भी अस्थमा था। हर कोई किसी-न-किसी तरह की बीमारी से जूझ रहा था। लेकिन इन बीमारियों का शिकार सिर्फ मेरा परिवार नहीं हो रहा था। वहां रहनेवाले और भी लोग इससे जूझ रहे थे। सभी ने यह माना कि कुछ-न-कुछ तो गड़बड़ है। इस गड़बड़ी या बदली हवा को हम सूंघकर समझ सकते थे।’
`शुरुआत में हमने अपनी बिल्डिंग में ही देखना शुरू किया कि कहीं बिल्डिंग में ही तो कुछ नहीं रिस रहा। लेकिन उसके बाद हमने टॉक्सिकोलॉजिस्ट की मदद ली और फिर उस इलाके में रहनेवाले लोगों से बात की। टॉक्सिकोलॉजिस्ट्स ने हमें बताया कि तेल को साफ करने और उसके उत्सर्जन के लिए कुछ रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक इसके संपर्क में रहेगा को उसकी सेहत पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। हमने दक्षिणी कोस्ट एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट डिस्ट्रिक्ट से इस संबंध में शिकायत दर्ज की। लॉस एंजेल्स टाइम्स ने हमारे बारे में एक कहानी लिखी और इसने यूएस के पूर्व कैलिफोर्निया सीनेटर बारबरा बॉक्सर का ध्यान अपनी ओर खींचा।’
`लॉस एंजेल्स शहर ने कंपनी पर मुकदमा दायर किया और २०१६ में अदालत का आदेश आया। कोर्ट के आदेश में कहा गया कि अगर वे दोबारा से ड्रिलिंग शुरू करना चाहते हैं तो उन्हें पहले से अधिक सख्त नियमों की पालन करना होगा।’ जब यह घोषणा हुई तो हम सभी बहुत खुश हुए लेकिन यह एक लंबी लड़ाई के बाद हुआ।

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