किसका मंदिर, किसका मस्जिद ,किसका गिरजा, किसका गुरुद्वारा
लड़े आदमी कह-कह अपना ईश्वर हुआ बेचारा
हमें पता है सबको मालूम फिर भी चुप हैं सारे
ईश्वर-अल्लाह जान रहे हैं किसका खेल है सारा
दाढ़ी-टोपी-तिलक-क्रास और बांध पंजाबी पगड़ी
ठेकेदार बहुरुपिए दिख रहे बना धर्म सहारा
मेरा ईश्वर तेरा ईश्वर सबके अपने भगवान
देश दुनिया में रार मचा सभी बैठे काट किनारा
धर्म-कर्म औ राजनीति के चंगुल में जो यूं फंसे रहे
फिर सोचो भगवान भला क्या होगा हश्र तुम्हारा
– डॉ. एम.डी. सिंह