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क्राइम हुआ कम : सरकार दे रही है किराए पर जेल! …. विदेशों से मंगाए जा रहे हैं  कैदी

एजेंसी / एम्सटर्डम
अपराध और अपराधियों की बढ़ती संख्या से दुनिया का हर देश आज परेशान है लेकिन नीदरलैंड एक देश ऐसा है, जहां क्राइम रेट में गिरावट आने से जेलों पर धड़ाधड़ ताला लग रहा है। स्वैंâडिनेवियाई देश नीदरलैंड में क्राइम रेट इतने नीचे जा चुका कि वहां जेलों की जरूरत कम होती जा रही है। नतीजतन, नीदरलैंड की अधिकतर जेलें बंद हो चुकीं हैं और जो बची भी हैं, वे भी खाली पड़ी हैं। उक्त जेलों का उपयोग सरकार शरणार्थियों को रखने के लिए कर रही है। कई जेलें रेस्त्रां में बदल गर्इं। इन जेलों में कार्यरत कर्मचारियों का रोजगार बचाने के लिए नीदरलैंड की सरकार जेलों को पड़ोसी देशों को किराए पर दे रही है। खासकर यहां नॉर्वे से क्रिमिनल इंपोर्ट किए जा रहे हैं।
स्टेटिस्टा रिसर्च डिपार्टमेंट के मुताबिक, साल २०२१ में नीदरलैंड की प्रति १ लाख की आबादी पर लगभग ५३ क्राइम हुए। साल २०२० में ये आंकड़ा ५८ का था। पिछले २ दशकों में यहां पर क्राइम का ग्राफ तेजी से कम होता जा रहा है। साल २०१६ में ये सबसे कम था, जब हर १ लाख की आबादी पर लगभग ५३ क्राइम हुए। साल २०२० में ये आंकड़ा ५८ का था। पिछले २ दशकों में यहां पर क्राइम का ग्राफ तेजी से कम होता जा रहा है। साल २०१६ में ये सबसे कम था, जब हर १ लाख की आबादी पर केवल ५१ लोगों ने ही अपराध किया। ये अपराध हत्या, बलात्कार जैसे गंभीर अपराध नहीं, बल्कि छुटपुट किस्म के होते हैं। इसके पीछे सिर्फ ये वजह नहीं कि वहां अपराध कम हैं, बल्कि कई और कारण भी हैं। जबकि नार्वे में अपराध की दर काफी ज्यादा है और नार्वे के पास अपने वैâदियों को रखने की जगह कम पड़ रही है इसलिए वर्ष २०१५ से नार्वे के वैâदियों को नीदरलैंड की जेलों में रखने का सिस्‍टम शुरू हुआ था।
कम ही मिलती है कैदियों को सजा
यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के इंस्टीट्यूट फॉर क्रिमिनल पॉलिसी रिसर्च ने इस पर रिसर्च की। इसके अनुसार, डच अदालतें वैâदियों को जेल की सजा कम ही सुनाती हैं। ये सजा तभी मिलती है, जब अपराध ज्यादा गंभीर हो और क्रिमिनल सोसायटी में ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। परिणामस्वरूप नीदरलैंड्स में साल २०१३ से जेलों को बंद करने का सिलसिला जारी है। साल २०१९ में भी यहां पर कुछ जेलों को बंद किया गया था। कुछ जेलों को तो शरणार्थियों के लिए स्‍थायी आवास में बदल दिया गया है। पूरे यूरोप में वैâदियों के साथ रवैये पर बने डच सिस्‍टम की सराहना की जा रही है। विशेषज्ञों की मानें तो जिस तरह से नीदरलैंड ने अपराधियों के प्रति सहानुभूति से भरी, इंसानी सोच को आगे बढ़ाया है, वो दूसरे देशों के लिए एक बड़ा उदाहरण है।

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