मुख्यपृष्ठनमस्ते सामनागजल : तुम्हीं से ही रौशन मेरी हर सदा है

गजल : तुम्हीं से ही रौशन मेरी हर सदा है

तुम्हीं से ही रौशन मेरी हर सदा है
तुम्हारे लिए ही मेरी हर दुआ है

उठाई थी कसमें तेरे नाम की पर
नहीं दिल को मालूम तेरा पता है

करें आज रौशन चलो अब जहाँ को
तू है चाँद मेरा मगर लापता है

मैं भूली हूँ दुनिया तेरे प्यार में पर
तुझे तो मेरा नाम तक न पता है

कनक ये सुख़न कह रहा है सनम से
चलो आज घर तेरी ख़ातिर सजा है

डॉ कनक लता तिवारी

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