मुख्यपृष्ठसमाज-संस्कृतिन्यायिक जांच को लेकर हाई कोर्ट में याचिका

न्यायिक जांच को लेकर हाई कोर्ट में याचिका

सामना संवाददाता / मुंबई
मालाड के मालवणी इलाके में हुए दंगा के मामले में आरोपी बनाए गए सामाजिक कार्यकर्ता जमील मर्चेंट को दिंडोशी कोर्ट से अग्रिम जमानत मिलने के बाद वे बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में दंगे में पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर झूठे रिपोर्ट्स के आधार पर तैयार की गई थी। इस मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की गई है। याचिका के मुताबिक रामनवमी की शोभा यात्रा में पुलिस कि भूमिका भी संदेह के घेरे में है। इस मामले में धाराएं जोड़ने के लिए झूठे मेडिकल रिपोर्ट्स का सहारा लिया गया ताकि इस मामले में आईपीसी की नई धाराएं जोड़कर कर मामले को गंभीर बनाया जा सके। पुलिस की तरफ से जो भी धाराएं शुरुवात में लगाई गई थी उसमे सात साल से सजा कम थी तो पुलिस ने उसमे १४४ की नोटिस न देते हुए गिरफ्तारी में जल्दबाजी क्यों दिखाई? जमील मर्चेंट के मुताबिक शोभा यात्रा के दौरान पुलिस के कहने पर भीड़ को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाई थी, मगरr पुलिस ने नामजद कर लिया। उन्होंने कोर्ट में सबूत के तौर पर उस दिन के फोटोग्राफ्स, सीसी टीवी फुटेज जिसमे साफ तौर ये देखा जा सकता है कि वो वहां मौजूद रहते हुए पुलीस की मदद कर रहे हैं।

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