ज़िम्मेदारियों का बोझ
बेशक़ रखना बढ़ाकर,
पर रास्ते बनाकर रखना
ए प्रथम पूज्य प्रिय गणेश,
महफूज रखना इस धरती को
सिद्धिविनायक मेरे गणेश,
शफ्फाफ रखना इतना कि
बर्दाश्त कर पाएं संकटकाल के दर्द
हँसते सुकून में सारे !
अमंगल इन्सान के हर लो
मंगलकारी मेरे प्यारे गणेश,
विपदा न हो जान पर कोई
विनाशक महामारी के बन कर
गलती मानव कौम की माफ करो,
शुभता में ही लाभ का
जो है स्वभाव तेरा
उसका करो अब श्रीगणेश
ए प्रथम पूज्य प्रिय गणेश !
मुनीष भाटिया
मोहाली