सामना संवाददाता / मुंबई
लोकसभा में कल मंगलवार को मणिपुर के मुद्दे पर अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान महाराष्ट्र के बारामती से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की सांसद सुप्रिया सुले ने सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी (एमवीए) का नाम लिए बिना सरकार गिराने का मुद्दा भी उठाया। सुप्रिया सुले ने कहा कि भाजपा सरकार ने नौ साल में नौ सरकारें गिरार्इं। उन्होंने उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों के नाम भी गिनाए। उन्होंने २०१४ के लोकसभा चुनाव से पहले के भाजपा के नारे याद दिलाए और मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई घटना को लेकर केंद्र सरकार को घेरा।
सुप्रिया सुले ने मणिपुर की घटना को लेकर कहा कि ये उनके और हमारे बीच की बात नहीं है। ये महिलाओं की डिग्निटी की बात है। उन्होंने कहा कि वो किसी की बहन, किसी की बेटी, किसी की पत्नी हैं। किसी की इज्जत उछालोगे और सरकार चुप रहेगी? इस पर ट्रेजरी बेंच की ओर से राजस्थान में महिलाओं के साथ आपराधिक घटनाओं को लेकर किसी सदस्य ने कुछ कहा। जवाब में सुप्रिया सुले ने कहा कि राजस्थान में हो या महाराष्ट्र में, वह देश की बेटी है। अगर सरकार १८.२ लाख करोड़ का एनपीए माफ कर रही है तो किसानों का कर्ज भी माफ करे। ये १८.२ लाख करोड़ किसने माफ किया। मुझे यह भी नहीं पता कि कितने शून्य हैं। मुझे इतनी गणित नही आती, ऐसे शब्दों में सुप्रिया सुले ने नरेंद्र मोदी सरकार पर तंज कसा।
इस बीच सुप्रिया सुले ने मणिपुर के मुद्दे पर सरकार की जमकर खिंचाई की। ‘मणिपुर में राज्य सरकार द्वारा शर्मनाक गलतियां की गई हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए, परंतु नहीं दिए। १७९ मौतें, ६० हजार लोग बेघर, ३५० राहत शिविर, ४० हजार शरणार्थी शिविरों में, ३,६६२ घर जलाए गए। ३२१ पूजा स्थल जला दिए गए।
१६१ केंद्रीय बल तैनात किए गए। दंगे, हत्या, बलात्कार के १० हजार से ज्यादा मामले हो चुके हैं। क्या हम इतने असंवेदनशील हो गए हैं? ऐसा सवाल सुप्रिया सुले ने सरकार से किया।