मुख्यपृष्ठनमस्ते सामना'मैं भी सचिन तेंदुलकर'

‘मैं भी सचिन तेंदुलकर’

आसमान में एक तारा है टूटा,
लगता है सचिन तेंदुलकर का रिकाॅर्ड है कोई टूटा।
५०वीं वर्षगांठ का है यह सुनहरा मौका,
इस बार नहीं कोई छक्का या चौका।
इतना ऊंचा मुकाम क्रिकेट की शान,
सर्वश्रेष्ठता ही है इस खिलाड़ी की पहचान।
तिरंगे को ऊंचा उठाया,
भारतवर्ष का मान बढ़ाया।
अपनी कलाइयों का जादू जब दिखलाया,
करोड़ों चाहने वालों ने प्यार बरसाया।
लता मंगेशकर भी मुरीद हुईं,
सर्वश्रेष्ठताएं एक हुईं।
तुम भी सर्वश्रेष्ठ बनो,
अपने जीवन के सचिन तेंदुलकर बनो।
– पंकज गुप्ता मुंबई ।

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