मुख्यपृष्ठसमाज-संस्कृतिशिक्षा जगत में परिवर्तनकारी शिक्षक बन गए हैं प्रणित... ०६ वर्ष की...

शिक्षा जगत में परिवर्तनकारी शिक्षक बन गए हैं प्रणित… ०६ वर्ष की आयु से ऑनलाइन पढ़ाते रहे नि:शुल्क

अनिल पांडेय / मुंबई
दुनिया के सबसे युवा परिवर्तनकर्ता, प्रणित धाड़ेवा ने ६ वर्ष की आयु में ‘पढ़ाओ इंडिया’ पहल की शुरुआत की थी।
प्रणित धाड़ेवा महज छह साल की उम्र में ‘पढ़ाओ इंडिया’ पहल की स्थापना करनेवाले आज देश के सबसे युवा परिवर्तनकर्ता बन गए हैं। कोविड-१९ लॉकडाउन के दौरान अपने पिता के साथ एक साधारण सी बात ने उन्हें इस दिशा में प्रेरित किया। उन्होंने २०२१ में ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से छोटे बच्चों के साथ अपने ज्ञान को साझा करना शुरू किया। उनके पिता सीए कमल धाड़ेवा और उनकी मां सीए पूजा धाड़ेवा ने इस पहल में उन्होंने समर्थन और प्रोत्साहन दिया है।
आज प्रणित धाड़ेवा ने अकेले ६५० से अधिक घंटे की कक्षाएं आयोजित की हैं और १०० से अधिक विषयों पर आधारित शिक्षा प्रदान की है। इस पहल ने अब तक २००० से अधिक बच्चों को प्रभावित किया है और स्कूल से ड्रॉप आउट की दर को कम करने में भारत सरकार की मदद की है। प्रणित का उद्देश्य बच्चों को औपचारिक शिक्षा में रुचि पैदा करना है। ‘पढ़ाओ इंडिया’ एक सामुदायिक सहयोग पर आधारित प्रणाली है जहां स्वयंसेवक अपने अनुभव और ज्ञान को अन्य बच्चों के साथ साझा करते हैं। रविवार ७ जुलाई २०२४ को ‘पढ़ाओ इंडिया’ का पहला औपचारिक ओरिएंटेशन समारोह बोरीवली पश्चिम में स्थित विटी इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित किया गया, जिसमें ५० नए बच्चों और १० नए स्वयंसेवकों को शामिल किया गया। इस समारोह में मुख्य अतिथि डॉ. मिकी मेहता, विशेष अतिथि आरजे अर्चना पानिया, माननीय अतिथि विटी इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमती शीतल कपूर और सम्मानित अतिथि मास्टर जैसल शाह ने २५० से अधिक लोगों को संबोधित और प्रेरित किया।
‘पढ़ाओ इंडिया’ के ऑनलाइन क्लास से जुड़े छात्र-छात्राओं ने गायन- नृत्य का रंगारंग कार्यक्रम पेश किया। प्रणित का यह प्रयास न केवल उनकी उम्र के बच्चों के लिए बल्कि सभी के लिए एक प्रेरणा है। उनकी इस पहल ने यह साबित कर दिया है कि उम्र केवल एक संख्या है और सही दिशा में प्रयास करने से किसी भी उम्र में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।

अन्य समाचार