स्वच्छता और सुंदरता के नाम पर सरकार लाखों रुपए खर्च करती है। कई योजनाएं बनाती हैं, लेकिन कुछ नहीं होता। स्वच्छता के नाम पर अभी भी जगह-जगह कूड़ा-करकट दिखाई देता है। कुछ ऐसा ही देखने को मिला सायन-कोलीवाड़ा के वॉर्ड-१७३ के कान्होजी उद्यान माला गार्डन के गेट के सामने। इसके पिछले गेट के सामने कूड़े का ढेर लगा रहता है, जिसे उठाने दो-तीन दिनों तक कोई नहीं आता। इस गार्डन में कई लोग जॉगिंग और वॉकिंग के लिए आते हैं। छोटे बच्चे खेलने आते हैं। साथ ही यहां पास में शास्त्री नगर और अन्य बस्ती है, जिसमें हजारों लोग रहते हैं। इस कूड़े से सभी के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है। इस क्षेत्र में मनपा सफाईकर्मी दो समय आते हैं। लेकिन यहां पड़े कूड़े को देखकर ऐसा नहीं लग रह रहा है कि कोई यहां सफाई भी करता होगा। गेट के पास कचरे का डिब्बा पड़ा हुआ है, लेकिन लोग इस डिब्बे के बाहर कचरा फेंकते हैं। प्रशासन से मेरी गुजारिश है कि इस कचरे को साफ किया जाए और लोगों के स्वास्थ्य को खराब होने से बचाया जाए। यहां पर आनेवाले लोग इस कचरे के ढेर को नजरअंदाज करके चले जाते हैं, लेकिन उन्हें नहीं पता कि यह उनके स्वास्थ्य पर क्या असर करेगा। हालांकि, पास-पड़ोस के लोगों का कहना है कि वह मनपा के सफाईकर्मियों से मौखिक रूप से कई बार शिकायत कर चुके हैं। लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। कभी कचरा उठाया जाता है, तो कभी कोई नहीं आता। यदि एक दिन कोई नहीं आए तो यहां कचरे का ढेर लग जाता है। अत: मेरी प्रशासन से गुजारिश है कि वह इस पर ध्यान दे और स्वच्छ शहर, सुंदर शहर का नारा सही साबित करें।
– मिलिंद रस्तोगी, सायन