मुख्यपृष्ठनए समाचारदो साल में गायब हुईं ११ लाख हिंदुस्थानी महिलाएं

दो साल में गायब हुईं ११ लाख हिंदुस्थानी महिलाएं

सबसे ज्यादा एमपी और महाराष्ट्र से हुईं लापता एनसीआरबी ने खोला राज

सामना संवाददाता / मुंबई
बीते दो सालों में हिंदुस्थान में करीब ११ लाख से ज्यादा महिलाएं लापता हुई हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, सबसे ज्यादा महिलाएं मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र से गायब हुई हैं। आंकड़ों के मुताबिक, सिर्फ २०२१ में ही १८ साल से कम उम्र की ९० हजार से ज्यादा लड़कियां और १८ से अधिक उम्र की पौने चार लाख से अधिक महिलाएं लापता हुई थीं।
आंकड़ों के मुताबिक, साल २०१९ में मध्य प्रदेश में ५२ हजार ११९, २०२० में ५२,३५७ और २०२१ में ५५,७०४ महिलाएं गायब हुर्इं। कुल मिलाकर २०१९ से २०२१ के बीच देश से १० लाख ६१ हजार ६४८ महिलाएं गायब हुई थीं। इसी दौरान २ लाख ५७,४३० लड़कियां भी गायब हुई हैं।
प. बंगाल की संख्या अधिक
१८ साल से कम उम्र की लड़कियों (नाबालिग) के लापता होने के मामलों की संख्या सबसे ज्यादा प. बंगाल में है। १३,२७८ लड़कियां २०२१ में गायब हुई हैं।

१९ हजार पीड़ितों का नहीं चला पता
२०२१ में जारी सूची में भी शीर्ष तीन स्थानों पर क्रमश: मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल थे। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, दर्ज किए गए कुल ३५,९८१ लापता मामलों में से १६,६०८ पीड़ितों को बचाया गया है या उनकी पहचान की गई है, जबकि १९,१७५ पीड़ितों का अभी तक पता नहीं चला है। सामाजिक कार्यकर्ता एसएम मराठे के मुताबिक, अधिकांश लड़कियों के घर छोड़ने की मुख्य वजह अंतरजातीय प्रेम विवाह है। इसी तरह एआरझेड नामक एनजीओ के अरुण पांडे के मुताबिक मानव तस्करी भी एक मुख्य कारण है, इसमें ज्यादातर अंतरराज्यीय गिरोह शामिल हैं। ये गिरोह, महिलाओं को श्रम या यौन व्यापार में धकेलते हैं।

हिंदुस्थानी महिलाओं की संख्या एक तिहाई
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा जारी की गई सूची के मुताबिक, इस मामले में हिंदुस्थानी महिलाओं की संख्या एक तिहाई है। यूएन ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि पिछले ५० साल में लापता हुर्इं १४.५० लाख महिलाओं/लड़कियों में से कुल ४ करोड़ ५८ लड़कियां सिर्फ हिंदुस्थान की हैं।

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