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१० की १० सीटें हारेगी भाजपा!.. यूपी की ड्रामेबाजी ने बिगाड़ा सत्तापक्ष का हाल

सामना संवाददाता / लखनऊ

उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मिली करारी हार के बाद नेताओं के बीच जारी सिर फुटव्वल से कार्यकर्ताओं में भारी निराशा है, वहीं भाजपा के कोर वोटर भी छिटक रहे हैं। ऐसे में राजनीतिक पंडितों का कहना है कि आगामी उपचुनाव में विधानसभा की सभी १० की १० सीटें भाजपा का हारना तय है।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार को लेकर केंद्र और राज्य में जारी ड्रामेबाजी के कारण सत्तापक्ष का हाल बेहाल है। यहां खेमेबाजी के कारण कार्यकर्ताओं में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। एक खेमा मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ का है तो दूसरा उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का, जबकि तीसरा खेमा तटस्थ है। खेमेबाजी के कारण उपचुनाव में भाजपा को भारी नुकसान की बात कही जा रही है। इस बीच उत्तर प्रदेश में सपा मुखिया अखिलेश यादव और राहुल गांधी की अगुवाई में उभरे ‘इंडिया’ गठबंधन के तेजी से बढ़ने की बात कही जा रही है। राजनीतिक पंडितों का तो यहां तक कहना है कि आगामीr विधानसभा के उपचुनावों में ‘इंडिया’ गठबंधन सभी सीटें जीतने में कामयाब होगा। उधर, आगामी विधानसभा के उपचुनाव को सेमी फाइनल के रूप में देखा जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि गत दिनों देश के कई राज्यों में १३ सीटों पर हुए उपचुनाव में ‘इंडिया’ गठबंधन ने १० सीटें जीती थीं, जबकि मात्र दो सीट पर ही भाजपा को जीत मिली थी। एक सीट निर्दलीय जीतने में कामयाब रहा। बता दें कि पिछले कई अर्से से कुर्सी के खेल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशवप्रसाद मौर्य के बीच खींचतान जारी है। इस बीच केशवप्रसाद मौर्य भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने पहुंचे, इसके बाद चर्चाओं का बाजार और गर्म हो गया। बताया जाता है कि आगामी उपचुनाव में विधानसभा की दसों सीट जीतने की तैयारी अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने की है।
उपचुनाव में बीजेपी के सामने चुनौती
यूपी में लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था। भाजपा यूपी की ८० में से पिछली बार ६२ सीटें जीती थी। इस बार उसे ३३ पर ही जीत मिली। सहयोगी रालोद ने दो और अपना दल ने एक सीट जीती। इससे एनडीए ३६ सीटें जीत सका। सपा अकेले इससे ज्यादा ३७ सीटें जीत गई है। इससे साफ है कि सपा यूपी में बहुत बड़ी चुनौती बन गई है। उपचुनाव में बीजेपी के सामने चुनौती इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि लोकसभा चुनाव के दौरान इन नौ में से पांच सीटों पर सपा को बढ़त मिली है।

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