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खतरे में मुंबई की १०४ इमारतें … मानसून से पहले करें खाली

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में मानसून से पहले १०४ खतरनाक इमारतों की स्थिति को लेकर चिंता की जा रही है। मनपा के द्वारा इन इमारतों के खाली करने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन कई निवासियों ने इसका विरोध किया है। यह एक गंभीर समस्या है, जिसे समाधान करने के लिए सही नीतियों की आवश्यकता है। मुंबई में हर साल मानसून के दौरान खतरनाक और जर्जर इमारतों की समस्या सामने आती है इसलिए मानसून से पहले ऐसी इमारतों की एक सूची की घोषणा की जाती है और निवासियों से सुरक्षित स्थानों पर जाने का आग्रह किया जाता है, लेकिन मुंबई में १०४ ऐसी खतरनाक इमारते हैं, जहां अभी भी निवासी रह रहे हैं। खतरनाक इमारतों में बिजली और पानी की आपूर्ति काटने की प्रक्रिया शुरू है तो वहीं मनपा को मानसून से पहले इन इमारतों को खाली कराने की बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। मुंबई में इमारतों का निरीक्षण करने के बाद बिल्डिंग स्लैब का झुकना, ग्राउंड फ्लोर का गिरना, कॉलम में दरारें या कंक्रीट का गिरना आदि कितना खतरनाक है यह पता चलता है और मनपा उस लिस्ट को जाहिर करती है। पिछले दो साल में ४९३ इमारतों को खतरनाक घोषित किया गया। इनमें से २८९ इमारतें बेहद खतरनाक होने के कारण गिरा दी गर्इं, जबकि १८८ इमारतें अभी भी खतरनाक स्थिति में खड़ी हैं। मनपा ने बताया कि बाकी इमारतों की अनुमति के बाद चरणों में मरम्मत की गई है। १८८ खतरनाक इमारतों में से ८४ इमारतों को खाली करा लिया गया है। १०४ इमारतों पर अभी भी निवासियों का कब्जा है। इन १०४ में से ६३ इमारतों के निवासियों ने मनपा के फैसले के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया है। मिली जनकारी के अनुसार, कोर्ट के फैसले के बावजूद कई लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। पश्चिमी उपनगरों में अधिक खतरनाक इमारतें हैं। इसके बाद पूर्वी उपनगर और पश्चिमी उपनगर आते हैं।
वॉर्ड संख्या
पी उत्तर (मालाड) २२
आर मध्य (बोरिवली) १९
के पश्चिम (अंधेरी-पश्चिम) १६
टी (मुलुंड) १६
एच पश्चिम (बांद्रा-पश्चिम) १५
के पूर्व (अंधेरी-पूर्व) १५
एन वॉर्ड (घाटकोपर) १३
एच पूर्व (बांद्रा-पूर्व) १०

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