– वाहन चालकों के कार्रवाई पर उठे सवाल
सामना संवाददाता / मुंबई
छत्रपति संभाजीनगर का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें ट्रैफिक पुलिस वाहन चालकों से बिना जुर्माना लिए ही नकद पैसा लेकर ही छोड़ रही है। हैरान करनेवाली बात यह है कि पुलिस यह पैसा फोनपे के द्वारा वसूल करती है। इस घटना का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसके बाद से अब ट्रैफिक पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं, साथ ही ‘वसूली टार्गेट’ एक बार फिर से चर्चा में आ गई है।
सूत्रों के अनुसार, सीट बेल्ट नहीं लगाने पर एक कार चालक को छत्रपति संभाजीनगर की ट्रैफिक पुलिस ने ढाई हजार रुपए जुर्माने की जगह मात्र पांच सौ रुपए फोनपे के माध्यम से ट्रांसफर कराया। इसका वीडियो सामने आने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।
ट्रैफिक पुलिस द्वारा घूस में लिए गए पैसे का पूरा रेट कार्ड तय होता है। यही नहीं वसूली के लिए जूनियर पुलिसकर्मियों को निर्देश होते हैं कि उन्हें अपने विभाग से कितना इकट्ठा करना है। मुंबई ट्रैफिक पुलिस में पुलिसकर्मी सुनील टोके ने इस रेट कार्ड का भंडाफोड़ किया था। उन्होंने इसके खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी।
कोर्ट को दिया गया रेट कार्ड
– सड़कें खोदने के लिए ठेकेदारों से ५० हजार से लेकर १ लाख रुपए
– शूटिंग के लिए टीवी या फिल्म स्टूडियो से ५० हजार से लेकर १ लाख रुपए
– नेस्को, बीकेसी में इवेंट आयोजित करने वाली कंपनियों से १ लाख रुपए
– डोमिनोज, पिज्जा हट डिलिवरी ब्वॉय से २० हजार से लेकर २५,००० रुपए
– दोपहिया वाहनों के शोरूम से ५ हजार और चार पहिया वाहनों के शोरूम से १० हजार रुपए
– दिन के समय टैंकरों को सड़क पर चलने देने के लिए १०० से लेकर २०० रुपए
– निर्माण कंपनियों द्वारा सीमेंट मिक्सर और अन्य वाहनों का उपयोग करने पर २५ हजार से ३० हजार रुपए
– ट्रक ओवरलोडिंग के लिए ३ हजार से ४ हजार रुपए
– स्कूल बसों की अवैध पार्विंâग के लिए १ हजार से २ हजार रुपए