अनिल मिश्रा / उल्हासनगर
उल्हासनगर का नगर रचना विभाग हमेशा विवाद से घिरा रहा है। उल्हासनगर में कई इमारतों को नियमों का उल्लंघन कर बनाया गया है। कई इमारतें तो आरक्षित प्लाट पर ही बना दी गई हैं। इसी कड़ी में एक और अवैध इमारत का निर्माण किया गया है जो भ्रष्ट अधिकारियों की कारगुजारी को बयां कर रहा है। नगर रचना विभाग अधिकारियों से सेटिंग किया गया और डीपी प्लान को नजरअंदाज कर १६ मंजिला इमारत को खड़ा कर दिया गया। इसी बीच मनपा प्रशासन ने ८० फुट की सड़क बनाने के लिए इमारत का प्लान पास करवा लिया। इसके बाद प्लान पास करवाकर छह माह बाद जब इमारत का काफी हिस्सा बन गया, तब जाकर मनपा प्रशासन की नींद उड़ी और पता चला कि उक्त इमारत ८० फुट सड़क पर खड़ी है।
सड़क का काम हुआ बाधित
इस १६ मंजिला इमारत को तोड़ने का पूर्व आदेश मनपा आयुक्त अजीज शेख ने दिया था, जो अब न्यायालय में विचाराधीन है। ८० फुट चौड़ी व ७५० मीटर लंबी सीमेंट कंक्रीट की सड़क बनाने के लिए २९ अगस्त २०२२ को ७ करोड़ रुपए का ठेका दिया गया था। ठेकेदार को यह काम महज छह महीने में पूरा करना था। परंतु मार्ग के बीच में टावर आने से सड़क का काम भी अधर में लटक गया है। मनपा की ओर से सहायक संचालक सिटी प्लानर ललित खोबरागड़े ने सुनवाई शुरू की। उसके बाद तत्कालीन मनपा आयुक्त अजीज शेख ने अपने कक्ष में सुनवाई की। इस सुनवाई में पाया गया कि जिस प्लॉट पर बिल्डिंग बनाई जा रही है उसका ८० फीसदी हिस्सा ३६ मीटर रिंग रोड और २४ मीटर रोड अतिक्रमण से बाधित हो रहा है।
इमारत प्लान में पाई गईं खामियां
निर्माणाधीन ‘झलक’ इमारत के वास्तु विशारद ने भवन का प्लान देते समय सड़क की गलत माप दिखाई थी। दिए गए प्लान में भी खामियां पाई गई हैं। मनपा आयुक्त अजीज शेख ने सुनवाई समाप्त करने का आदेश देकर ‘झलक’ बिल्डिंग की निर्माण अनुमति रद्द कर दी। साथ ही डेवलपर को डी.पी. सड़क पर से अतिक्रमण कर बनाए गए निर्माणों के साथ-साथ अनधिकृत अतिरिक्त निर्माणों को स्वयं के व्यय पर तत्काल ध्वस्त करने का आदेश दिया गया है।