अभिषेक कुमार पाठक / मुंबई
भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) को प्रतिदिन तीन सौ से अधिक शिकायतें मिलती थीं। इसके बाद आईआरटीसी नींद से जागी है और खानपान व्यवस्था की सुध ली है। आईआरसीटीसी वेस्ट जोन द्वारा अगले तीन महीनों में २०० नए किचन तैयार किए जाएंगे, जो लगभग ५०० ट्रेनों में भोजन की आपूर्ति करेंगे। इनमें से ९० किचन लगभग तैयार हो चुके हैं, जिनमें से ५० कार्यरत हैं। इन किचन के माध्यम से ट्रेनों के पैंट्री कार में भी भोजन उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे यात्रियों को ताजा और बेहतर गुणवत्ता वाला भोजन का उपलब्ध हो सकेगा।
मुंबई में कर्ला स्थित आईआरसीटीसा का एक प्रमुख किचन प्रतिदिन ४००० यात्रियों को नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का भोजन उपलब्ध कराने के लिए तैयार है। इस किचन का मुख्य उद्देश्य स्टेशन और प्लेटफॉर्म क्षेत्र को भोजन वितरण की गतिविधियों से मुक्त रखना है, ताकि स्टेशन पर अनावश्यक भीड़ से बचा जा सके और यात्री आसानी से सुविधाओं का उपयोग कर सकें। खानपान सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर यात्री पहले से ही जागरूक हैं। २०२३ में प्रतिदिन २५०-३०० शिकायतें भोजन को लेकर प्राप्त होती थीं। हालांकि, आईआरसीटीसी ने इस समस्या का समाधान करने के लिए लगातार सुधार किए हैं। एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि अब प्रतिदिन शिकायतें घटकर १०० से भी कम हो गई हैं। इससे यह साफ संकेत मिलता है कि इसमें सुधार हो रहा है।
मुंबई की प्रमुख जगहों पर आईआरसीटीसी किचन
मुंबई के कई महत्वपूर्ण स्थानों पर जल्द ही नए कैंटीन की शुरुआत भी होने वाली है। जिसमें कुर्ला, चेंबूर, ठाणे, पनवेल, पवई प्रमुख हैं। इन स्थानों पर कैंटीन की शुरुआत से यात्रियों और स्थानीय निवासियों को गुणवत्तापूर्ण और सस्ती दरों पर भोजन उपलब्ध होगा।