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राज्य के ३२ लाख छात्र लापता!… शिक्षा विभाग के पास नहीं है कोई जानकारी

-स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट पर ‘पेन नंबर’ नहीं होने से हुई गड़बड़ी

सुनील ओसवाल / मुंबई

राज्य में जून माह से नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो चुका है। इस साल राज्य के स्कूलों में पढ़ने वाले करीब ३२ लाख छात्र कहां गए, इसकी जानकारी शिक्षा विभाग के पास नहीं है।
बता दें कि गत शैक्षणिक वर्ष के दौरान ३७,४५,३६७ विद्यार्थियों ने स्कूल बदले। यू-डायस में साढ़े पांच लाख छात्र पंजीकृत हैं। ऐसे में शिक्षा विभाग के सामने ३२ लाख छात्रों को ढूंढने की चुनौती है। छात्रों के स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (टीसी) पर पेन नंबर (स्थायी शिक्षा संख्या) दर्ज नहीं होने से यह गड़बड़ी सामने आई है। शिक्षा विभाग के सामने इन छात्रों को ढूंढने की चुनौती है।
छात्रों को टीसी देते वक्त ‘पेन नंबर’ नहीं करते दर्ज
महाराष्ट्र में ३२ लाख छात्रों की जानकारी शिक्षा विभाग के पास नहीं है। इसका कारण है कि उन्हें टीसी देते वक्त कई स्कूल ‘पेन’ नंबर दर्ज नहीं करते हैं। इस ‘पेन’ नंबर से देशभर में किसी भी छात्र की शैक्षिक यात्रा का पता लगाया जा सकता है। इससे संबंधित विद्यार्थी के अगले स्कूल में जाने के बाद भी उसका यू-डाइस में पंजीकरण कराना मुश्किल हो जाता है।
महाराष्ट्र प्राथमिक शिक्षा परिषद ने ४ जुलाई को राज्य में ३१,२६,००० छात्रों के रिपोर्ट की घोषणा की है। ये छात्र फिलहाल स्टूडेंट पोर्टल के ड्रॉप बॉक्स में हैं। इस बीच राज्य के आंकड़ों पर गौर करें तो राज्य के सभी स्कूलों से करीब ९५,२१८ छात्र दूसरे राज्यों में चले गए हैं। १२वीं कक्षा के बाद ४० हजार विद्यार्थियों ने स्कूल छोड़ दिया। आईटीआई पॉलिटेक्निक में २८,८३२ विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। २,१२८ छात्र मुक्त विश्वविद्यालय में स्थानांतरित हो गए हैं। १,१८,९९७ विद्यार्थियों ने पढ़ाई छोड़ दी है और ड्रॉप बॉक्स में ३१,९६,००० विद्यार्थी हैं।

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