सामना संवाददाता / मुंबई
कोरोना वायरस फिर अपना पैर पैâलाने लगा है। देश में पिछले २४ घंटे में कोरोना के ४,४३५ नए केस सामने आए हैं। नए मामलों में ४६ प्रतिशत का उछाल आया है। साथ ही डेली पॉजिटिविटी रेट ३.३८ प्रतिशत, साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट २.७९ प्रतिशत है। बता दें कि इस बार कोरोना की दोहरी मार पड़ रही है। इससे संक्रमितों में निमोनिया का भी खतरा बढ़ रहा है। गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों के लिए यह जानलेवा साबित हो सकता है, इसलिए विशेषज्ञों ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
डॉक्टरों के मुताबिक, निमोनिया फेफड़ों का संक्रमण है, जो इलाज न होने पर जानलेवा बन सकता है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी अधिकतर मौतें निमोनिया के कारण ही हुई थीं। अब फिर से कुछ मरीजों में ये परेशानी देखी जा रही है। बुजुर्गों और पुरानी बीमारी से पीड़ित लोगों में इससे खतरा हो सकता है। कोविड के लक्षण हल्के हैं लेकिन कुछ मरीजों में निमोनिया की शिकायत देखी जा रही है। बुजुर्ग और दूसरी गंभीर बीमारियों के मरीजों के ऑक्सीजन लेवल में कमी या लंग्स में इंफेक्शन के केस नहीं आ रहे हैं। लेकिन जिस हिसाब से कोरोना बढ़ रहा है, उसे देखते हुए लोगों को सतर्क रहना चाहिए।
म्यूटेट कर रहा वायरस
डॉक्टरों के अनुसार, वायरस म्यूटेट कर रहा है और लगातार नए वैैरिएंट सामने आ रहे हैं। ये वैरिएंट तेजी से पैâल रहे हैं। अभी तक कोविड मरीजों में ऑक्सीजन की कमी के केस नहीं हैं इसलिए मृत्यु दर बढ़ने का खतरा नहीं है। दिक्कत केवल उन लोगों को है, जो पहले से वैंâसर, एचआईवी, टीबी, लीवर, किडनी, डायबिटीज, हृदय विकार, ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। ऐसे मरीजों को विशेष सतर्क रहने की जरूरत है। कोई अन्य लहर आने की संभावना कम है। फिलहाल, कुछ समय तक थोड़े केस बढ़ेंगे और जल्द ही पीक आ जाएगा। सभी लोगों को मास्क का प्रयोग फिर से शुरू करना होगा।
वायरल निमोनिया के ज्यादा मामले
लातूर गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के (प्रोफेसर एवं हेड) डॉ. रमेश बराडे के अनुसार, नए वैरिएंट एच३एन२ के मरीज ज्यादा बढ़ रहे हैं। इस वायरल के इंफेक्शन में निमोनिया हो रहा है। निमोनिया तीन प्रकार के होते हैं। बैक्टीरियल, वायरल और फंगल। वायरल निमोनिया के मामले ज्यादा आ रहे हैं। खासकर, पहले से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है।
बैक्टीरियल निमोनिया के भी मामले
बैक्टीरियल निमोनिया एम्स में क्रिटिकल केयर डिपार्टमेंट में प्रोफेसर डॉ. युद्धवीर सिंह बताते हैं कि अब कोविड से हॉस्पिटलाइजेशन थोड़ा बढ़ने लगा है। ऐसे में कोविड को लेकर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। कोरोना से बैक्टीरियल निमोनिया के मामले भी सामने आ रहे हैं। भारत में पॉजिटिविटी रेट
२० मार्च को साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट ०.८६ प्रतिशत, जबकि ५ अप्रैल को २.७९ प्रतिशत थी।
हॉस्पिटलाइजेशन दिल्ली
महीनेभर पहले दिल्ली में अस्पताल में कोई मरीज भर्ती नहीं था।
४ अप्रैल को ९६ कोरोना के मरीज दिल्ली के अस्पताल में भर्ती हुए जबकि ३० मार्च को ५४ मरीज ही भर्ती थे।
हॉस्पिटलाइजेशन मुंबई
मुंबई में महीनेभर पहले २ मरीज अस्पताल में भर्ती थे।
३० मार्च को बढ़कर इनकी तादाद ५७ हो गई।
४ अप्रैल को अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या ९१ हो गई।