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गरीब को मजबूर कर बच्चे को फर्जी तरीके से गोद लेने में 5 गिरफ्तार, सिपाही नपे!

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ

यूपी-बिहार के सीमावर्ती जिला कुशीनगर में बच्चा बेचने के मामले में पुलिस ने तीन महिलाओं समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के मुताबिक बरवापट्टी के दशहवा के रहने वाले हरेश पटेल को बच्चा बेचने के लिए मजबूर किया गया था। इसके लिए फर्जी गोदनामा भी तैयार कराया गया। सीओ तमकुहीराज की जांच में यह तथ्य सामने आया, जबकि रुपये लेने के आरोपी सिपाही लाइन हाजिर कर दिया गया। साथ ही बच्चे को बरामद कर परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया है।

शुक्रवार की रात हरेश पटेल नाम के व्यक्ति का बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें उसने कहा था कि पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर उसने दशहवा के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया था। वहां प्रसव के बाद 4 हजार रुपये मांगे गए। इसके बाद उसने 20 हजार में किसी को अपना दो साल का बेटा बेच दिया था। पुलिस ने हरेश पटेल को साथ लेकर बरवापट्टी थाना क्षेत्र के कई गांवों के अलावा समउर से लेकर बिहार तक छापेमारी की। शनिवार को दशहवा में अवैध अस्पताल चलाने वाली तारा कुशवाहा निवासी बांसगांव, थाना विशुनपुरा, वहां दाई का काम करने वाली सुगांती देवी, बिचौलिया बने अमावस यादव निवासी दशहवा, बच्चा खरीदने वाले भोला यादव निवासी मुसहरी, थाना धनहा, प. चंपारण और उसकी पत्नी कलावती देवी को गिरफ्तार कर लिया गया।

किया गया था मजबूर 

बच्चा बेचने के लिए मजबूर किए जाने के मामले की पुलिस ने जांच शुरू की तो पूरा मामला उजागर हो गया। पुलिस ने गोदनामा फर्जी पाया। यह सादे कागज पर बना दस्तावेज था, जिस पर केवल हरेश पटेल के बयान अंकित थे और नीचे उसके अंगूठे का निशान लगाया गया था।हरेश का वीडियो वायरल होने पर शुक्रवार की रात में ही एसपी संतोष मिश्र ने सीओ तमकुहीराज जितेन्द्र सिंह कालरा को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। पुलिस टीम रात में दशहवा के भेड़िहारी निवासी हरेश पटेल के घर पहुंची। हरेश से पूछताछ के बाद पुलिस ने रात में ही एक-एक कर संबंधित लोगों की तस्दीक करनी शुरू कर दी। इसमें यह पता चला कि हरेश को बच्चा बेचने के लिए मजबूर किया गया था।

मजदूरी कर पालता है परिवार का पेट 

एसपी संतोष कुमार मिश्र ने सीओ तमकुही राज की रिपोर्ट के आधार पर बरवापट्टी के सिपाही सूर्यदीप को लाइन हाजिर कर दिया है। उस पर भी रुपये लेने का आरोप है। इस मामले में उसकी भूमिका की जांच भी कराई जा रही है। जांच पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। हरेश पटेल का परिवार बेहद गरीब है। उसके पास रहने के लिए एक झोपड़ी है। जमीन एक कट्ठा भी नहीं है। मजदूरी कर किसी तरह वह परिवार का पेट पालता है। उसके पास न तो कोई जॉब कार्ड है और न ही राशन कार्ड। अधिकारियों ने तत्काल उसका राशन कार्ड और मनरेगा से जॉब कार्ड बनाने के भी निर्देश दिए गए। उसे काफी पहले आवास के नाम पर रुपये मिले थे, जिससे उसने नींव तो भरवा दी थी, लेकिन दीवार नहीं खड़ी कर पाया था। उसी पर झोपड़ी डालकर परिवार के साथ रहता है।

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