मुख्यपृष्ठसमाज-संस्कृतिभारत के ६०% युवाओं पर है करियर का प्रेशर!

भारत के ६०% युवाओं पर है करियर का प्रेशर!

-वैश्विक औसत है ४२%
-द आईकू क्वेस्ट रिपोर्ट का निष्कर्ष

सामना संवाददाता / मुंबई
भारतीय युवाओं पर अपने करियर और सपनों को उड़ान देने का प्रेशर बहुत ज्यादा है। हाल ही में ‘द आईकू क्वेस्ट रिपोर्ट’ से इसका खुलासा हुआ है। भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, ब्राजील, मलेशिया, थाईलैंड, इंडोनेशिया जैसे ७ प्रमुख देशों के युवाओं के बीच किए सर्वे से यह निष्कर्ष सामने आया है। भारत में यह प्रेशर ६० फीसदी है, जबकि ग्लोबल लेबल पर यह प्रेशर काफी कम सिर्फ ४२ फीसदी है।

बता दें कि वीवो ग्रुप के सब-स्मार्टफोन ब्रांड आईकू ने साइबर मीडिया रिसर्च के साथ अपनी पहली द आईकू क्वेस्ट रिपोर्ट २०२४ जारी की की है, जो युवाओं के सपनों, करियर और आकांक्षाओं के ट्रेंड्स पर आधारित है। इसमें २०-२४ साल की उम्र के ६,७०० रेस्पोंडेंट्स के इनसाइट्स शामिल हैं।

आईकू इंडिया के सीईओ निपुण मार्या ने इस बारे में बताया कि रिपोर्ट में तीन क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जेन जेड क्वेस्टर्स की भावना और अपने सपनों को पूरा करने की प्रेरणा, उनके जुनून की खोज में आने वाली बाधाएं और रुकावटें और उनके हितों को आगे बढ़ाने वाले करियर ऑप्शन शामिल है। रिपोर्ट के निष्कर्ष बताते हैं कि महाराष्ट्र के युवाओं को हाई सोशिएटल प्रेशर का सामना करना पड़ता है। लेकिन हाई सोशिएटल प्रेशर के बावजूद आशावाद और आकांक्षाओं का स्तर ९४ फीसदी है।

रिपोर्ट में जेन जेड  के लिए सफलता का क्या अर्थ है, इसके विभिन्न पहलुओं की गहराई से पड़ताल की गई है। इसमें क्वेस्टर्स की ड्राइव, जुनून और महत्वाकांक्षा को एक क्वांटिटी मीट्रिक – क्वेस्ट इंडेक्स से समझाया गया है। परिणामों से पता चलता है कि भारत का क्यूआई ९.१ है, इसके बाद मलेशिया ८.७, थाईलैंड और अमेरिका ८.२, इंडोनेशिया ८.१, यूनाइटेड किंगडम ८ और ब्राजील ७.८ के साथ आता है।

रिपोर्ट में महाराष्ट्र से संबंधित कुछ प्रमुख बातें इस प्रकार हैं :
७२ फीसदी महाराष्ट्र के जेन जेड अपने सपनों को पूरा करने के लिए वर्क-लाइफ बैलेंस का त्याग करने को तैयार हैं।

९४ फीसदी महाराष्ट्र के जेन जेड के लिए सबसे ज्यादा खुशी मायने रखती है।
७६ फीसदी महाराष्ट्र के जेन जेड अपने क्षेत्र में एक्सपर्ट के रूप में देखे जाना चाहते हैं।

फाइनेंशियल सेगमेंट में एक प्रमुख प्रोफेशनल बनना चाहते हैं, उनकी संख्या महाराष्ट्र में राष्ट्रीय औसत से दोगुनी है।

अपने सपनों को पूरा करने के लिए मौजूद सपोर्ट मैकेनिस्म में भारत में महाराष्ट्र का स्थान पहला है। यह राष्ट्रीय औसत से ५० फीसदी अधिक है।

अपने सपनों को पूरा करने के लिए महाराष्ट्र के युवा राष्ट्रीय औसत की तुलना में १.५ गुना अधिक पहल करते हैं।

रिपोर्ट के कुछ प्रमुख ‘वैश्विक और भारतीय’ हाईलाइट इस प्रकार हैं :
भारत में ४३ फीसदी और विश्व स्तर पर ४६ फीसदी रेस्पोंडेंट्स अपने करियर में सफल होने के लिए वर्क-लाइफ बैलेंस छोड़ने को तैयार हैं।

पुरुषों की तुलना में महिलाओं में से दोगुनी संख्या में यह महसूस होता है कि लिंग उनके सपनों को पूरा करने में बाधा डालता है।

भारतीय जेन जेड में से केवल ९ फीसदी ही उद्यमिता अपनाना चाहते हैं क्योंकि वे कार्य जीवन में स्थिरता और सुरक्षा चाहते हैं।

१९ फीसदी भारतीय बड़ी कंपनियों में करियर की उन्नति को स्टार्टअप्स के बजाय पसंद करते हैं।

चार में से एक भारतीय उत्तरदाता नए युग के जॉब क्षेत्र जैसे कंटेंट क्रिएशन, डेटा विश्लेषण, एआई और साइबर सुरक्षा की ओर अधिक इच्छुक हैं।

भारतीय युवा मेहनती हैं, वे अपने वैश्विक साथियों की तुलना में दोगुनी पहल करते हैं।

८४ फीसदी भारतीय क्वेस्टर्स का मानना है कि उनकी नौकरी उनके लक्ष्यों के अनुरूप है, जबकि विश्व स्तर पर यह संख्या ७२ फीसदी है।

अन्य समाचार