मुख्यपृष्ठनए समाचारदुनिया में ६० फीसदी महिलाओं को है वैरिकोज वेंस की समस्या!

दुनिया में ६० फीसदी महिलाओं को है वैरिकोज वेंस की समस्या!

सामना संवाददाता / मुंबई
पैरों में नीले या बैंगनी रंग की टेढ़ी-मेढ़ी उभरी हुई दिखाई देनेवाली नसों को वैरिकोज वेंस कहते हैं। यह समस्या तब पैदा होती है जब हार्ट तक खून पहुंचाने वाली नसों में सूजन आ जाती है। इन नसों की वॉल्व कमजोर हो गई होती हैं और उनके वॉल्व ठीक से काम नहीं करते हैं। यह समस्या ज्यादातर महिलाओं को परेशान करती है। जानकारों के मुताबिक, दुनिया में वैरिकोज वेंस की समस्या से करीब ६० फीसदी महिलाएं जूझ रही हैं।
मेडिकल विशेषज्ञों के मुताबिक, वैरिकोज वेंस के कारण जो खून दिल की तरफ जाना चाहिए, वो वापस लौट रहा होता है और नसों में ही कहीं जमा हो रहा होता है। आमतौर पर यह समस्या शरीर के निचले हिस्से में होती है। यही कारण है कि पैरों और टखनों पर नीले और बैंगनी रंग के उभार दिखाई देने लगते हैं। चिकित्सकों का कहना है कि हमारे शरीर में खून की आवाजाही के लिए दो तरह की रक्त वाहिकाएं, धमनियां और शिराएं काम करती हैं। धमनियां खून को हार्ट से शरीर के सभी अंगों तक लेकर जाती हैं, जबकि शिराएं खून को बाकी अंगों से वापस हार्ट तक लेकर आती हैं। हालांकि, वैरिकोज वेंस कंडीशन पैदा होने पर पैरों में काले रंग के चकत्ते पड़ सकते हैं। घाव हो सकते हैं, उनसे खून बहने की समस्या हो सकती है। यह दर्द और सूजन का भी कारण बन सकता है।
१५ से ३० फीसदी
पुरुष हैं पीड़ित
साइंस जर्नल ‘स्प्रिंगर लिंक’ में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, पूरी दुनिया में ४० से ६० फीसदी महिलाओं को वैरिकोज वेंस की समस्या होती है, जबकि तकरीबन १५ से ३० फीसदी पुरुष इस दिक्कत से प्रभावित होते हैं। वैरिकोज वेंस से प्रभावित शख्स के पैरों की स्किन काली पड़ सकती है। इनमें दर्द या खुजली का एहसास भी हो सकता है।

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