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७० स्टार्टअप्स, १७ हजार बेरोजगार! … मोदी सरकार का रिपोर्ट कार्ड

सामना संवाददाता / मुंबई
हिंदुस्थान में भारी विदेशी निवेश होने का ढिंढोरा पीटनेवाली मोदी सरकार का इस वर्ष के शुरुआती ६ महीनों में ही रिपोर्ट कार्ड जारी हो गया है। खबरों के मुताबिक, फंडिंग में आई भारी कमी ने भारतीय स्टार्टअप्स को हजारों कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया है। भर्ती और स्टाफिंग फर्म सीआईईएल एचआर से प्राप्त डाटा से पता चलता है कि २०२३ के शुरुआती महीनों में लगभग ७० स्टार्टअप ने १७,००० से अधिक कर्मचारियों को बेरोजगार कर दिया है।
स्टार्टअप, जो आमतौर पर बाहरी इन्वेस्टमेंट पर निर्भर होते हैं, इन्वेस्टर की फंडिंग में गिरावट के बाद उनकी लागत कम हो गई, जिससे उन्हें लागत में कटौती करने और नकदी बचाने के लिए मजबूर होना पड़ा। सीआईईएल एचआर के एमडी और सीईओ के अनुसार ‘इंडस्ट्री में आनेवाले नए निवेश की कमी के साथ इन स्टार्टअप्स के लिए फंडिंग क्रंच सबसे बड़ी चुनौती है।’
यूनिकॉर्न कंपनियों में भी हुई छंटनी
जानकारी के मुताबिक, छंटनी से विभिन्न सेक्टर प्रभावित हुए हैं, जिनमें ई-कॉमर्स (किराना, शिशु देखभाल और व्यक्तिगत देखभाल जैसे सेक्टर शामिल के अलावा फिनटेक, एडटेक, लॉजिस्टिक्स तकनीक और स्वास्थ्य-तकनीक शामिल हैं। यहां तक कि मीशो, अनएकेडमी, स्विगी और शेयरचैट जैसी मशहूर यूनिकॉर्न कंपनियों को भी नौकरियों में कटौती करनी पड़ी है। गौरतलब है कि कई संकटों का सामना कर रही प्रमुख एडटेक कंपनी बायजू ने अकेले इस साल ५००-१,००० कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है।
निवेश में ८० फीसदी आई गिरावट
पीडब्ल्यूसी के अनुमान के मुताबिक, २०२३ की पहली छमाही में स्टार्टअप फंडिंग पिछले वर्ष की समान अवधि के १८.३ बिलियन डॉलर से काफी कम होकर ३.८ बिलियन डॉलर हो गई, जोकि लगभग ८०³ की खतरनाक गिरावट को दर्शाता है। हालांकि, स्पेशलिस्ट ने खुलासा किया है कि भारत-सेंटर फंडों के पास अभी भी अनुमानित १८ बिलियन डॉलर का फंड है। निवेशक अब उन कंपनियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो किसी भी कीमत पर विकास को प्रायोरिटी देने के बजाय प्रॉफिट और टिकाऊ विकास का स्पष्ट मार्ग प्रदर्शित करती हैं।
ईडी सरकार में बढ़ी बेरोजगारी!
चार हजार पद, साढ़े ग्यारह लाख आवेदन
राज्य की ईडी सरकार में बेरोजगारी का आलम यह है कि चार तलाठी पद के लिए तकरीबन साढ़े ग्यारह लाख आवेदन आए हैं। इन आवेदनों से १०० करोड़ रुपए से अधिक राजस्व सरकार के पास जमा हुआ है। पिछले कई दिनों से अधर में लटका राजस्व विभाग द्वारा तलाठी पद की भर्ती का मुहूर्त निकलने के बाद ४,६४४ पदों के लिए तकरीबन ११ लाख ५० हजार २६५ उम्मीदवारों ने आवेदन किया है। इस परीक्षा शुल्क से सरकार को करीब १०० करोड़ रुपए राजस्व प्राप्त हुआ है। इस भर्ती के लिए विज्ञापन राजस्व विभाग और वन विभाग ने प्रकाशित किया था। यह परीक्षा राज्य के ३६ जिलों के केंद्र पर ऑनलाइन ली जाएगी। ऑनलाइन परीक्षा के लिए खुले प्रवर्ग के उम्मीदवारों के लिए १,००० रुपए तो आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए ९०० रुपए शुल्क लिया गया है। इसलिए आवेदन शुल्क से राज्य सरकार को करीब १०० करोड़ रुपए से अधिक की रकम जमा हुई है। गरीब और मेहनतकश उम्मीदवार सरकारी नौकरी की आशा में किसी तरह पैसे की व्यवस्था करके परीक्षा शुल्क भरा है। इसलिए जिन उम्मीदवारों का तलाठी पद के लिए चयन नहीं होगा, उनका परीक्षा शुल्क सरकार वापस करे, ऐसी मांग जनता दल सेकुलर मुंबई पार्टी के अध्यक्ष प्रभाकर नारकर ने की है। उन्होंने कहा कि यह एक प्रकार से संगठित लूट है।

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