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१६ साल की किशोरी को बनना है किशोर! …लिंग परिवर्तन का बढ़ रहा क्रेज

• ६ वर्षों में ७ लोग करा चुके हैं सर्जरी
• निजी अस्पतालों में तीन से १० लाख रुपए तक आता है खर्च

सामना संवाददाता / मुंबई
विपरीत सेक्स अर्थात किसी महिला का किसी पुरुष या फिर पुरुष का महिला के प्रति आकर्षित होना आम बात है लेकिन वर्तमान में महिलाओं में महिलाओं के प्रति तथा पुरुषों में पुरुषों के प्रति आकर्षण की मानसिक विकृति तेजी से बढ़ रही है। इतना ही नहीं अब तो लिंग परिवर्तन के जरिए पुरुषों के महिला या महिलाओं के पुरुष बनने के मामले भी सामने आने लगे हैं। सोलापुर की ऐसी ही एक १६ वर्षीया किशोरी किशोर बनना चाहती है। लिंग परिवर्तन की इच्छा रखनेवाली उक्त किशोरी ने जेजे अस्पताल के डॉक्टरों से संर्पक किया है।
बीते कुछ वर्षों से लोगों में लिंग परिवर्तन करवाने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है। उपलब्ध जानकारी के अनुसार, प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अब तक इस तरह की सात सर्जरियां की गई हैं। चिकित्सकों के मुताबिक, निजी अस्पतालों में लिंग परिवर्तन सर्जरी पर अमूमन तीन से १० लाख रुपए तक खर्च करने पड़ते हैं लेकिन सरकारी अस्पताल में इस खर्च को एक तिहाई कर दिया है। इन सबके बीच सोलापुर की एक १६ वर्षीय किशोरी ने भी लिंग परिवर्तन के लिए सर्जरी कराने की इच्छा जाहिर की है, जिसे लेकर उसने मुंबई के जेजे अस्पताल से संपर्क भी किया है। दूसरी तरफ सब कुछ ठीक रहा तो कोविड के बाद यह अस्पताल इस तरह की पहली सर्जरी करेगा।
जेजे अस्पताल के वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक आनंद के मुताबिक, १६ वर्षीय किशोरी सेक्स रीअसाइनमेंट सर्जरी करवाना चाहती है, क्योंकि वह यौन रूप से पुरुष उन्मुख है। इसे लेकर मरीज से बातचीत कर सर्जरी शुरू करने से पहले उसे सभी कानूनी और चिकित्सकीय दस्तावेज जमा करने के लिए कहा गया है। ‘यह एक जटिल सर्जरी होगी क्योंकि रोगी के पास एक गर्भाशय या अंडाशय होता है, जिसे निकालने की आवश्यकता होती है। डॉ. आनंद के अनुसार, सर्जरी से पहले लड़की की काउंसलिंग की जाएगी। मरीज इस सप्ताह या सोमवार को सभी दस्तावेजों के साथ अस्पताल आएगा।
महामारी के कारण रोकी गई थी प्रक्रिया
डॉ. आनंद के अनुसार, कोविड के बाद लिंग परिवर्तन ऑपरेशन का यह पहला मामला होगा, क्योंकि महामारी के कारण चिकित्सा प्रक्रिया को रोक रखा गया था। यहां सर्जरी की लागत एक तिहाई होगी। सरकारी अस्पतालों में अब तक सात से अधिक लोगों ने लिंग परिवर्तन ऑपरेशन करवाया है।
सर्जरी के लिए आए ३० से अधिक कॉल
डॉक्टरों के मुताबिक सेक्स रीअसाइनमेंट सर्जरी के लिए ३० से अधिक कॉल प्राप्त हुए लेकिन कोविड महामारी के कारण सर्जरी नहीं की जा सकी। इसके अलावा अस्पताल को एक समर्पित कोविड सुविधा केंद्र में बदल दिया गया था, ताकि अन्य रोगियों को भर्ती न किया जा सके। अमेरिकन साइकियाट्रिक एसोसिएशन के अनुसार, जेंडर डिस्फोरिया में व्यक्ति के शारीरिक लिंग और उसके द्वारा पहचाने जाने वाले लिंग के बीच संघर्ष शामिल होता है, जिससे वे अपने शरीर को लेकर असहज हो जाते हैं।

सेंट जॉर्ज अस्पताल में हुई थी पहली सर्जरी
गौरतलब हो कि सेंट जॉर्ज अस्पताल में राज्य द्वारा संचालित सुविधा केंद्र में पहली सेक्स रीअसाइनमेंट सर्जरी की गई थी। साल २०१८ में बीड जिले के एक पुलिसकर्मी ललित सालवे ने यह सर्जरी करवाई थी। इसके बाद कई लोगों ने लिंग परिवर्तन वाली सर्जरी के लिए सेंट जॉर्ज से संपर्क किया लेकिन ऑपरेशन थियेटर के निर्माणधीन होने के चलते उन्हें इंतजार करने के लिए कहा गया था।

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