अभिषेक कुमार पाठक / मुंबई
मुंबई में मकान और दुकान होना आम जनता का सपना होता है। लेकिन म्हाडा की दुकानों को भी खरीददार नहीं मिल रहे हैं। परिणाम स्वरूप ई-नीलामी के माध्यम से दुकानों के ५६ विजेताओं ने म्हाडा के ऑफर को ठुकरा दिया है। बता दें कि महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट एथॉरिटी (म्हाडा) द्वारा आयोजित १७३ दुकानों की ई-नीलामी में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। नीलामी के लिए निर्धारित१७३ दुकानों में से ६१ को कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इसके बाद बची ११२ दुकानों की नीलामी की गई, जिसमें से ५६ विजेताओं ने दुकानों का ऑफर अब ठुकरा दिया है। इससे म्हाडा को अब केवल शेष ५९ विजेताओं को ही ऑफर लेटर भेजना होगा।
म्हाडा ने मालाड, गोरेगांव, पवई और चारकोप में विभिन्न योजनाओं के तहत बनाई गई इन १७३ दुकानों की बिक्री के लिए फरवरी के अंत में विज्ञापन जारी किया था। इन ११२ दुकानों की ई-नीलामी के लिए ६०४ इच्छुकों ने आवेदन किया था और यह नीलामी आचार संहिता के कारण लंबित थी, जो अंतत: २७ जून को संपन्न हुई।
ई-नीलामी में विजेता घोषित किए गए ११२ लोगों में से ५३ ने अस्थायी मंजूरी देने से इनकार कर दिया, जिससे म्हाडा को अब केवल ५९ विजेताओं को ही ऑफर लेटर भेजना पड़ रहा है। विजेताओं को ऑफर लेटर प्राप्त करने के बाद ४५ दिनों के भीतर २५ प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा। इसके बाद शेष ७५ प्रतिशत राशि का भुगतान उन्हें ६० दिनों में करना होगा। पूरी राशि का भुगतान होने के बाद ही विजेताओं को दुकानों का कब्जा सौंपा जाएगा। गोरेगांव पूर्व, बिंबिसार नगर स्थित म्हाडा के एक व्यावसायिक गाला के लिए ई-नीलामी में १३ करोड़ ९३ लाख रुपए की सबसे ऊंची बोली लगी। बैंक या एटीएम के लिए आरक्षित इस गाला के लिए तीन आवेदकों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा थी। म्हाडा ने इसके लिए १३ करोड़ ९२ लाख रुपए की बेस प्राइस निर्धारित की थी, जिसे महज ४० हजार रुपए अधिक की बोली पर नीलाम किया गया।