सामना संवाददाता / चंडीगढ़
हरियाणा में हर घंटे एक गंभीर अपराध से नायब सैनी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार पर सवाल उठ रहे हैं। हरियाणा में बीजेपी के लिए तीसरी बार जीत हासिल करना आसान नहीं होगा। राज्य में कानून व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा बन गया है। राजनीतिक हत्याएं, वसूली के लिए हत्याएं, गैंगस्टर्स का बोलबाला और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों ने बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है।
पिछले पांच सालों में हरियाणा में कानून व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक बनी रही है। आंकड़े बताते हैं कि राज्य में हर रोज वसूली या ब्लैकमेलिंग के लिए धमकी भरे फोन आते हैं। पहली बार विधायकों को भी धमकी भरे फोन आए हैं। १ जनवरी से ३१ अगस्त के बीच हरियाणा में हर घंटे महिलाओं या बच्चों के खिलाफ एक अपराध दर्ज हुआ है। पहले अपने एथलीटों के लिए जाना जानेवाला हरियाणा अब गैंगस्टर्स और शार्पशूटर्स के लिए बदनाम हो गया है। इनमें से कुछ के विदेशी आतंकवादी संगठनों से संबंध हैं। आतंकवाद विरोधी बल राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दो दर्जन से अधिक छापेमारी की है। एक विशेष कार्य बल (एसटीएफ) को अब कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालता है, जो इन गिरोहों के उदय के साथ उभरी है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि हरियाणा में २०२२ में १,०२० हत्याएं हुर्इं। ३१ अगस्त तक राज्य में ६७५ हत्याएं दर्ज की गर्इं, जो पिछले साल इसी अवधि के दौरान ६९७ से थोड़ी कम थीं। राज्य में इस साल हर दिन लगभग तीन हत्याएं हुर्इं।