गृहमंत्री के बयान ने जांच की दिशा ही बदल दी
रिवॉल्वर, बुलेट्स और सहआरोपी की जांच में बरती जा रही है ढिलाई
सामना संवाददाता / मुंबई
शिवसेना के पूर्व नगरसेवक अभिषेक घोसालकर की जघन्य हत्या की जांच सही दिशा में नहीं चल रही है। पुलिस पर भारी दबाव के कारण ऐसा हो रहा है। इस दौरान गृह मंत्री ने हमें ठेस पहुंचाने वाला गैरजिम्मेदाराना बातें करते हुए घटना को अलग रूप देने का काम किया, जो दुखी करनेवालीं हैं। इसके साथ ही उन्होंने जांच की दिशा ही बदल दी। रिवॉल्वर, बुलेट्स और सह आरोपी की जांच में ढिलाई बरती जा रही है। इस तरह का गंभीर आरोप शिवसेना उपनेता व पूर्व नगरसेवक विनोद घोसालकर ने मंगलवार को प्रेस कॉन्प्रâेंस में लगाया।
अभिषेक की हत्या की घटना के बाद घोसालकर परिवार ने पहली बार मीडिया से बात की। नरीमन पॉइंट स्थित ‘शिवालय’ में मीडिया से बात करते हुए अभिषेक की पत्नी तेजस्वी ने कहा कि मेरे दो बेटों का भविष्य और मेरा परिवार तबाह हो गया है। हाई कोर्ट, पुलिस आयुक्त और सरकार से मेरी यह अपील है कि अभिषेक की हत्या की गंभीरता से जांच करके जल्द से जल्द सच्चाई सामने लाएं और हमें न्याय दें। इस तरह की भावना तेजस्वी ने व्यक्त की। पत्रकार परिषद में शिवसेना नेता, सांसद अरविंद सावंत, सांसद अनिल देसाई, विधायक अनिल परब, विलास पोतनीस, पूर्व महापौर किशोरी पेडणेकर उपस्थित थीं।
मुझे भी मारने की थी साजिश!
-अभिषेक घोसालकर की पत्नी का सनसनीखेज खुलासा
अभिषेक घोसालकर की पत्नी तेजस्वी घोसालकर ने एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया कि मुझे भी मारने की साजिश थी। उन्होंने कहा कि जिस कार्यक्रम में मॉरिस नरोन्हा ने अभिषेक को बुलाया था, उसमें मुझे भी साथ लाने के लिए अभिषेक से कहा गया था। इसे लेकर अभिषेक ने मुझसे कहा था, लेकिन मुझे देर हो गई इसलिए अभिषेक ने मुझे दूसरे कार्यक्रम में जाने के लिए कहा। इसका मतलब मुझे भी मारने की साजिश हो सकती है। लेकिन मेरे दोनों बच्चों के नसीब से मैं वहां नहीं पहुंची। तेजस्वी ने कहा कि चूंकि ये सभी गंभीर तथ्य हैं, इसलिए हम पुलिस से जांच वापस लेकर इसे सीबीआई को सौंपने के लिए उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सेशन कोर्ट द्वारा महत्वपूर्ण टिप्पणियां दर्ज करने के बाद भी जांच सही दिशा में नहीं जा रही है।
इस बीच तेजस्वी घोसालकर ने पुलिस जांच पर नाराजगी व्यक्त की। ८ फरवरी की शाम अभिषेक की जघन्य हत्या हुई। उस घटना को हुए डेढ़ महीने का वक्त गुजर चुका है, फिर भी हत्या की जांच सही दिशा में नहीं चल रही है। गहराई से जांच के लिए हमने एकत्रित की गई जानकारी जांच एजेंसियों, पुलिस आयुक्त को २८ फरवरी को सीसीटीवी फुटेज समेत दे दिया है। हत्या के समय उस स्थान पर अमरेंद्र मिश्रा, मेहुल पारेख और अज्ञात व्यक्तियों का आना-जाना था। उन्होंने इसे लेकर गहन जांच करने की मांग की, जिस पर पुलिस अनदेखी कर रही है। इसके साथ ही भादंवि की धारा १२०(ब) और धारा ३४ के तहत मामला दर्ज करने की मांग भी पुलिस ने नहीं मानी। इस तरह की नारजगी तेजस्वी ने व्यक्त की।
मंत्रियों का गैरजिम्मेदार वक्तव्य
विनोद घोसालकर ने अभिषेक की हत्या के बाद मंत्री उदय सामंत, छगन भुजबल समेत देवेंद्र फडणवीस के गैरजिम्मेदाराना बयानों पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि मैं भी विधान भवन में काम करनेवाला एक कार्यकर्ता हूं। मैंने इन तीनों मंत्रियों के साथ काम किया है। वे मेरे परिवार को जानते हैं। ऐसे समय में जब कोई भी पृष्ठभूमि या अपराध की जांच अंतिम चरण तक नहीं पहुंची है, उन्होंने गैरजिम्मेदाराना बयान दिया। इससे ही पता चलता है कि पुलिस व्यवस्था पर बहुत दबाव है। हत्या के समय अमरेंद्र मिश्रा, मेहुल पारेख और एक अन्य अज्ञात व्यक्ति मौजूद थे। हमने फुटेज एकत्र किया और पुलिस को दे दिया। विलास पोतनीस, अंबादास दानवे, अनिल परब ने विधानसभा में यह मुद्दा उठाया। इसके बाद भी गृह मंत्री ने बयान दिया कि घटना के वक्त तीसरा शख्स वहां नहीं था। विनोद घोसालकर ने आरोप लगाया कि गृह मंत्री ने हत्या की घटना को अलग रूप देने का काम किया।
पुलिस घबरा रही, तेजस्वी को सामान्य फोन नहीं किया
हत्या की साजिश की गहनता से जांच के लिए पुलिस को लिखित पत्र दिया, सीसीटीवी फुटेज इकट्ठा करके दिए गए। व्यक्तिगत रूप से मिलकर गहन जांच की मांग की। हालांकि, हत्या की घटना के बाद पुलिस ने तेजस्वी को फोन कर पूछा तक नहीं कि उन्हें क्या कहना है। इसका अर्थ क्या है? हम शिकायतकर्ता हैं, जब हमारे घर पर घटना घटी तो पुलिस ने हमारे पास आने या हमें बुलाने तक की जहमत नहीं उठाई। पुलिस क्यों डरती है? इस तरह के सवाल विनोद घोसालकर ने पूछा।
मैं पिछले ४० वर्षों से राजनीति में, शिवसेना में हूं। मेरी बहू तेजस्वी पूर्व नगरसेविका हैं। ऐसी परिस्थिति में पुलिस हमारी हर बात को नजरअंदाज कर रही है। साथ ही पुलिस के माध्यम से हमारे नगरसेवकों पर विभिन्न तरीकों से दबाव बनाने का काम किया जा रहा है। चुनाव के मद्देनजर हमारे लोगों को छोटी-छोटी बातों पर फंसाने की साजिश की जा रही है। घोसालकर ने यह भी कहा कि इसमें संदेह है कि सत्ताधारियों द्वारा इसके लिए पुलिस का इस्तेमाल किया जा रहा है। क्या कोई तीसरा व्यक्ति था, जिसने अभिषेक और मॉरिस दोनों की हत्या की? इसकी गहनता से जांच होनी चाहिए। यदि कोई शामिल है, तो गहन जांच से स्पष्ट हो जाएगा। मेहुल पारेख मॉरिस के सभी मामलों का प्रबंधन करता था। क्या कारण था कि घटना से दो घंटे पहले मेहुल अपनी मां को नजदीकी अस्पताल ले गया? मां को अस्पताल में भर्ती कराने के बाद वह घूमता नजर आ रहा था। घोसालकर ने आरोप लगाया कि इससे हमें पूरा संदेह है कि मेहुल हत्या की साजिश में शामिल था।