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अबू सलेम को २५ साल की सजा काटनी ही होगी …२०३० को होगा रिहा

सामना संवाददाता / मुंबई
टाडा की विशेष अदालत ने गैंगस्टर अबू सलेम की याचिका ठुकरा दी है और कहा है कि अबू सलेम को २५ साल की सजा काटनी होगी। बता दें कि गैंगस्टर अबू सलेम को मुंबई में मार्च १९९३ में हुए सीरियल ब्लास्ट मामले में दोषी पाया गया है। सलेम को १८ सितंबर २००५ को पुर्तगाल से गिरफ्तार कर भारत लाया गया था। तब से सलेम जेल में सजा काट रहा है। सलेम ने अपने वकील द्वारा टाडा अदालत में अर्जी दायर की थी कि उसकी सजा तकरीबन पूरी हो चुकी है और उसे रिहा किया जाए। अदालत ने सलेम की याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि वह समय से पहले रिहाई का हकदार नहीं है। अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि सलेम के अपराध की गंभीर प्रकृति के कारण उसे अपनी सजा कम करने के लिए कोई विशेषाधिकार नहीं दिया जा सकता। सलेम की याचिका में कहा गया था कि वैâदी के अच्छे आचरण के चलते उसकी सजा में २ साल और १० महीने कम किए जा सकते हैं। टाडा अदालत ने सलेम की याचिका को ठुकराते हुए और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि सलेम को २५ साल की सजा काटनी ही होगी। जेल में उम्र वैâद की सजा काट रहे सलेम को १९९३ मुंबई ब्लास्ट के अलावा टाडा कानून के तहत दो और मामलों में दोषी करार दिया गया है। सलेम की याचिका ठुकराए जाने के बाद अब सलेम को १० नवंबर २०३० तक सजा काटनी होगी। इससे पहले सलेम ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर कहा था कि वह पुर्तगाल में तीन साल की सजा काट चुका है और साल २०२७ में ही रिहा करने की अपील की थी। अदालत ने सलेम की अपील ठुकराते हुए कहा कि पुर्तगाल में हिरासत के ३ साल सजा का हिस्सा नहीं हैं।

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