प्रेम यादव / भायंदर
पश्चिम-रेलवे द्वारा १३ नई एसी लोकल सेवाओं की शुरुआत ने यात्रियों के आक्रोश को भड़का दिया है। इनमें से ७ सेवाएं भायंदर स्टेशन से प्रारंभ या समाप्त होती हैं। ये नई सेवाएं पुरानी नॉन एसी लोकल ट्रेनों की जगह लाई गई हैं, जिससे आम यात्रियों की सुविधा प्रभावित हुई है। अब यह बदलाव स्थानीय यात्रियों के लिए संघर्ष का कारण बन गया है।
चलाया हस्ताक्षर अभियान
रेलवे के इस फैसले के खिलाफ भायंदर के यात्रियों ने शुक्रवार को हस्ताक्षर अभियान चलाया। इस पहल का नेतृत्व करने वाले विनायक काते ने कहा कि शनिवार को भी यह अभियान जारी रहेगा। यात्रियों ने विशेष रूप से सुबह ८:२४ बजे की भायंदर-चर्चगेट नॉन एसी लोकल के एसी में बदलने का कड़ा विरोध किया है।
समय पर नजर डालें
यात्री रविकांत सिंह ने कहा कि ८:२४ की नॉन एसी लोकल हटाने के बाद अगली ट्रेन ९:३५ की है। ऑफिस समय में इतनी लंबी देरी से हम वैâसे समय पर पहुंच सकते हैं? एक यात्री ने कहा कि सुबह की भीड़ के समय में नॉन एसी ट्रेन हटाकर एसी ट्रेन लाना, मिडिल क्लास यात्रियों के साथ अन्याय है।
यात्रियों की सुविधा की अनदेखी
वरिष्ठ नेता रोहिदास पाटील ने रेलवे के इस निर्णय की कड़ी आलोचना की। उन्होंने पश्चिम रेलवे के जनरल मैनेजर को पत्र लिखकर नॉन एसी ट्रेन सेवाएं बहाल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि रेलवे केवल अपने राजस्व पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जबकि यात्रियों की सुविधा और समस्याओं को प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
क्या हुआ तेरा वादा?
यात्रियों का गुस्सा सिर्फ नॉन एसी ट्रेन हटाने तक सीमित नहीं है। राजस्थान, गुजरात और उत्तर प्रदेश जाने वाली लंबी दूरी की ट्रेनों को भायंदर या मीरा रोड स्टेशन पर रोकने की मांग भी अब तक पूरी नहीं हुई है। राजस्थान जन जागरण सेवा संस्था के अध्यक्ष गजेंद्र भंडारी ने कहा कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विधानसभा चुनावों के दौरान इस मुद्दे पर सहमति जताई थी, लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।