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आरोपितों ने मिलाया भाजपा से हाथ प्रवर्तन निदेशालय ने किया ‘माफ’ ईडी के टार्गेटेड एक्शन!

  • २६ जून को हाई कोर्ट करेगा सुनवाई
  • ‘आपराधिक’ उद्देश्य करार देने की अपील

जितेंद्र मल्लाह / मुंबई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्ववाली केंद्र सरकार पर विपक्ष की ओर से लगातार सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), इनकम टैक्स व दूसरी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया जाता रहा है। खासकर ‘ईडी’ पर भाजपा के एजेंट की तरह काम करने का आरोप विपक्ष के लोग लगा रहे हैं। अब यह मुद्दा अदालत में पहुंच गया है। मुंबई के एक प्रतिष्ठित अधिवक्ता नीतीन सातपूते ने ‘ईडी’ के टागेर्टेड एक्शन के खिलाफ मुंबई उच्च न्यायालय में गुहार लगाई है। जिस पर २६ जून को मुंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सुनवाई कर सकते हैं।
एडवोकेट सातपूते ने आरोप लगाया है कि ईडी विपक्ष के नेताओं, मंत्रियों, सांसदों, विधायकों को जांच के नाम पर नोटिस भेजकर प्रताड़ित करती है। दबाव बनाने के लिए कथित आरोपितों के परिजनों को भी परेशान करती है लेकिन जो लोग भाजपा से हाथ मिला लेते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई ‘बंद’ कर दी जाती है या फिर उन्हें क्लीन चिट दे दी जाती है।
इस संदंर्भ में उन्होंने आनंदराव अडसूल, अर्जुन खोतकर, यशवंत जाधव, विधायक यामिनी जाधव, सांसद भावना गवली, विधायक प्रताप सरनाईक आदि का जिक्र करते हुए दावा किया है कि पुरानी ‘शिवसेना’ में रहने के दौरान ‘ईडी’ ने उन्हें आरोपी ठहराते हुए नोटिस भेजा था लेकिन जब उपरोक्त आरोपितों ने एकनाथ शिंदे गुट के जरिए भाजपा से हाथ मिला लिया तो ‘ईडी’ ने अपनी कार्रवाई रोक दी। अत: एडवोकेट सातपूते ने आनंदराव अडसूल, अर्जुन खोतकर, यशवंत जाधव, विधायक यामिनी जाधव, सांसद भावना गवली, विधायक प्रताप सरनाईक के खिलाफ विचाराधीन मामलों की वर्तमान स्थिति की जानकारी तलब करने की अपील उच्च न्यायालय से की है।
ईडी स्पष्ट करे स्थिति
इस मामले में एडवोकेट सातपूते ने ‘ईडी’ के विभागीय कार्यालय जोन-१ के निदेशक, अतिरिक्त निदेशक, संयुक्त निदेशक, उप निदेशक अथवा सहायक निदेशक सहित तमाम अधिकारियों, कर्माचारियों पर उपरोक्त आरोपियों की ढाल बनने, उन्हें बचाने का आरोप लगाया है। एडवोकेट सातपूते ने संबंधित अधिकारियों से उपरोक्त आरोपियों के खिलाफ अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट ७ दिनों में तलब करने की मांग अपनी याचिका में अदालत से की है। साथ ही ये भी मांग की है कि सीबीआई की तर्ज पर ईडी निदेशक को भी महाराष्ट्र में पीएमएलए अथवा मुंबई पुलिस कानून की धाराओं के तहत कार्रवाई से पहले अनुमति मांगने के संदर्भ में दिशा-निर्देश जारी करना चाहिए।

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