-बिहार-उत्तर प्रदेश समेत उत्तरी भारत से मंगाए गए थे दस्तावेज
-आघाड़ी के संभावित समर्थकों के काटे गए हजारों नाम
सामना संवाददाता / मुंबई
किसी भी तरह से चुनाव जीतने के लिए राज्य में फर्जी वोटरों के फर्जीवाड़ा का खेल शुरू कर दिया गया है। इसके तहत हर विधानसभा में १०-१० हजार बाहरी नामों को जोड़ने का मामला गरमा गया है। ऐसे फर्जीवाड़ा करनेवाले ४० वोट दलालों पर कार्रवाई से शक और बढ़ गया है। बताया जाता है कि बिहार-उत्तर प्रदेश के साथ ही कई अन्य उत्तरी भारत राज्यों से दस्तावेज मंगाकर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया है। इसके तहत महाविकास आघाड़ी के संभावित समर्थकों के नाम बड़ी संख्या में काटे जाने का भी आरोप लगाया गया है। बताया जा रहा है कि महायुति के इशारे पर उसके समर्थकों द्वारा इस काम को अंजाम दिया जा रहा है, ताकि फर्जी वोटरों के इस फर्जीवाड़े को करके चुनाव जीता जा सके।
महायुति का महाघपला
फर्जी वोटरों के भरोसे चुनाव
जीतना चाहती है भाजपा!
चंद्रपुर और तुलजापुर में पकड़े गए मामले
राज्य की मतदातासूची में गड़बड़ी की जा रही है। आरोप है कि महायुति वोटर लिस्ट में महाघपला करके चुनाव जीतना चाहती है। इसके तहत महाविकास आघाड़ी के संभावित समर्थकों के नाम काटे जाने का आरोप लगा है। इस बारे में महाविकास आघाड़ी ने मतदाता सूची में फर्जी नाम दर्ज कराने और नाम कटवाने का गंभीर आरोप लगाया है। मतदाता सूची में फर्जी नाम दर्ज कराने वाले ४० लोगों के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद वोटरों के फर्जीवाड़ा का आघाड़ी द्वारा लगाए आरोपों पर मुहर लग गई है।
बता दें कि राज्य के १५० विधानसभा क्षेत्रों को निश्चत करते हुए एक एप के जरिए हर एक विधानसभा क्षेत्र में १०-१० हजार बाहरी नामों को जोड़ा जा रहा है। इसके तहत उत्तर भारत से दस्तावेज मंगाकर फर्जी वोटरों का पंजीयन किए जाने का आरोप है। आरोप के अनुसार, यह साजिश रचने के सूत्रधार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले हैं। इन सबके बीच चंद्रपुर जिले के राजुरा निर्वाचन क्षेत्रों में ६,८५३ फर्जी वोटरों के नामों को मतदाता सूची में घुसाने की कोशिश का पर्दाफाश हुआ है। इसके अलावा तुलजापुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में फर्जी वोटरों का पंजीयन करने के मामले में ४० लोगों के खिलाफ पुलिस थाने में मामला दर्ज होने की जानकारी सामने आई है। चंद्रपुर जिले के राजुरा निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता सूची में ६,८५३ फर्जी नाम दर्ज करने का प्रयास करने का मामला सामने आया है। मतदाताओं के ऑनलाइन पंजीकरण के दौरान प्रशासन की सतर्कता के कारण यह स्थिति सामने आई है। जिला प्रशासन ने फिलहाल मामले की जांच करने की बात कही है। जिला प्रशासन की ओर से राजुरा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। बता दें कि कोई भी मतदान से वंचित न रहे, इसलिए चुनाव आयोग ने वोटर हेल्पलाइन एप और एनवीएसपी पोर्टल के माध्यम से मतदाता सूची में नाम शामिल करने की ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराई है। हालांकि, कुछ लोगों ने इस सुविधा का दुरुपयोग करते हुए मतदाता सूची में फर्जी नाम दर्ज करने की कोशिश की है। प्रशासन इस मामले की जब जांच कर रहा था तो पता चला कि कोरपना तालुका के लखमापुर गांव की मतदाता सूची में बड़ी संख्या में नाम शामिल करने के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा किए गए थे। दिलचस्प बात यह है कि फर्जी ऑनलाइन पंजीकरण कराने वाले सभी मतदाता विदेशी हैं।
साइबर पुलिस ने दर्ज किया मामला
तुलजापुर विधानसभा क्षेत्र में फर्जी नए मतदाता आवेदन पंजीकरण मामले में ४० लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। कलेक्टर व निर्वाचन निर्णय अधिकारी डॉ. सचिन ओम्बासे के आदेश पर यह मामला दर्ज किया गया है। साइबर पुलिस ने मामला दर्ज किया है और इसे जांच के लिए तुलजापुर पुलिस को स्थानांतरित कर दिया गया है। हालांकि, अब सवाल उठने लगे हैं कि इस फर्जी मतदाता पंजीकरण रैकेट का मास्टरमाइंड कौन है? मतदाता पंजीकरण आवेदन के साथ संलग्न आधार कार्ड में नामांकन अनुक्रमांक यानी नामांकन संख्या समान पाई गई है।