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प्रतिबंधित प्लास्टिक को लेकर तेज होगी कार्रवाई, फेरीवालों की फिर आएगी शामत! प्रत्येक वॉर्ड में ५ सदस्यीय टीम का होगा गठन

सामना संवाददाता / मुंबई
प्लास्टिक कचरे के उत्पादन को नियंत्रित करने में असमर्थ मनपा ने एक बार फिर मुंबई के भीतर प्रतिबंधित प्लास्टिक उत्पादों के उपयोग के खिलाफ अपने अभियान को तेज करने का फैसला किया है। प्रत्येक वॉर्ड में ५ कर्मचारियों की टीम बनाई जाएगी। इस टीम की और मनपा की पैनी नजर फेरीवालों पर होगी, जिससे उनकी शामत आएगी।
मनपा आयुक्त की अगुवाई में हुई बैठक में इस पर चर्चा हुई। मनपा आयुक्त के समक्ष मनपा के शॉप एवं स्टैब्लिशमेंट विभाग के तहत प्रत्येक वॉर्ड में पांच सदस्यीय टीम बनाने का प्रस्ताव दिया है। इसमें तीन वॉर्ड स्तर के अधिकारी, एक महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) अधिकारी और एक स्थानीय स्तर का पुलिस अधिकारी शामिल होगा।
बता दें कि महानगर में प्रतिबंधित प्लास्टिक के उपयोग को लेकर एक बार फिर मनपा सख्त कदम उठाने जा रही है। प्लास्टिक बंदी पर एक्शन के लिए फेरीवालों पर मनपा की कड़ी नजर होगी। कार्रवाई के लिए मनपा ने अब वॉर्ड अधिकारियों को अधिकार देने का मन बनाया है। प्रत्येक वॉर्ड में सहायक आयुक्त की अगुवाई में एक टीम का गठन होगा।
ये प्लास्टिक प्रतिबंधित हैं
नियमों के तहत जिन प्लास्टिक थैलियों पर प्रतिबंध है। उनमें प्लास्टिक से बने २०० मिलीलीटर से कम के पाउच, कंटेनर, कटोरे और बोतलें भी शामिल हैं, जिनका उपयोग भोजन और अन्य वस्तुओं की पैकेजिंग के लिए किया जाता है। एकल उपयोग के लिए थर्माकोल और प्लास्टिक से बनी वस्तुएं जैसे प्लेट, गिलास आदि सभी प्रतिबंधित हैं, लेकिन कम से कम ५० माइक्रोन की मोटाई वाले वर्जिन प्लास्टिक से बने दूध के पाउच और बायबैक मूल्य की अनुमति है।
दंड के साथ ये है सजा
प्रतिबंधित प्लास्टिक के उपयोग के लिए जुर्माना पहले अपराध के लिए ५,००० रुपए, दूसरे अपराध के लिए १०,००० रुपए और तीसरे अपराध के लिए २५,००० रुपए और ३ महीने की कैद की सजा का प्रावधान है। बता दें कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा २३ मार्च २०१८ को अधिसूचना जारी कर प्रतिबंधित प्लास्टिक उत्पादों के उत्पादन, उपयोग, बिक्री, परिवहन, हैंडलिंग और भंडारण पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

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फेक आलिया