सामना संवाददाता / मुंबई
एक ओर बेस्ट वित्तीय संकट से जूझ रहा है और वहीं अब बेस्ट के कर्मचारियों को अडानी के इलेक्ट्रिक स्मार्ट मीटर लगाने के लिए चुना गया है। जबकि ग्राहक इस स्मार्ट मीटर का विरोध कर रहे हैं, इसलिए जब बेस्ट कर्मचारी मीटर लगाने जाते हैं तो उन्हें अपमानजनक व्यवहार का सामना करना पड़ता है। इस बारे में बेस्ट कामगार सेना के अध्यक्ष सुहास सामंत ने मांग की है कि बेस्ट प्रशासन और महानगरपालिका को इस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। मीटरिंग योजना अगले दस वर्षों के लिए अडानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई को सौंपी गई है और परियोजना के अनुसार, बेस्ट पहल के कई मौजूदा ऊर्जा मीटरों को चरणबद्ध तरीके से स्मार्ट मीटरों से बदला जाना है। इसके लिए हजारों करोड़ रुपए का ठेका अडानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई को दिया गया है। इसके अनुसार, बेस्ट के सभी मौजूदा इलेक्ट्रिक मीटरों को स्मार्ट मीटरों से बदलने की जहमत की जा रही है। इसी के अनुरूप उनका काम भी शुरू होता नजर आ रहा है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से चोरी-छिपे बेस्ट के कर्मचारियों द्वारा इन स्मार्ट मीटरों को लगाने का काम चल रहा है। यानी कि ठेका अडानी को दिया गया था, लेकिन काम अडानी के माध्यम से नहीं किया गया था, बल्कि बेस्ट के कर्मचारियों का उपयोग करके बेस्ट के कार्य समय के दौरान किया जा रहा है, तो जब ये सभी ठेके अडानी को दिए गए हैं, तो बेस्ट के कर्मचारियों का उपयोग करके यह काम क्यों किया जा रहा है? ऐसे सवाल उठाए जा रहे हैं।