सामना संवाददाता / मुंबई
पालघर में बननेवाले देश के सबसे बड़े पोर्ट वाढवण बंदरगाह पर भी अडानी की नजर है। मुंबई में धरावी हाउसिंग प्रोजेक्ट को लेने के बाद अब पालघर में अडानी समूह की घुसपैठ की योजना है।
बता दें कि वाढवण बंदरगाह के लिए ‘अडानी पोर्टस एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड’ कंपनी ने रुचि दिखाई है। दूसरी तरफ भले ही कहा जा रहा है कि बंदरगाह निर्माण में ‘एल एंड टी’ समेत कुल १५ कंपनियों ने आवेदन किए हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि यह पोर्ट अडानी की झोली में ही जाएगा। उल्लेखनीय है कि करीब ७६,२०० करोड़ रुपए की लागत से पालघर में वाढवण बंदरगाह का निर्माण किया जाएगा। हालांकि, इस परियोजना का स्थानीय मछुआरे शुरूआत से ही विरोध करते आ रहे हैं। इसके बावजूद बंदरगाह के निर्माण से इस क्षेत्र का विकास होने और वित्तीय स्थिति बदलने का दावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमिपूजन समारोह में किया था। उन्होंने यह भी कहा था कि यह न केवल देश का सबसे बड़ा बंदरगाह साबित होगा, बल्कि यहां १२ लाख रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। दूसरी तरफ जेएनपीटी के अध्यक्ष व बंदरगाह प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंधकीय निदेशक उन्मेश वाघ ने कहा कि परियोजना को लेकर लगनेवाले बुनियादी कामों के लिए कई कंपनियों से अभिरूची आवेदन मंगाए गए थे। इन आवेदनों को दो दिन पहले खोला गया, तब पता चला कि देश की कुल १५ कंपनियों ने अभिरूची दिखाई है। इन आवेदनों की जांच करके सभी को केंद्रीय वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाएगा। इसके बाद टेंडर निकाले जाएंगे।
दिए जानेवाले कार्यों की सूची
बंदरगाह निर्माण के लिए कंपनी को पीपीपी आधार पर जगह का विकास और देशभाल, कीचड़ निकालना, समुद्र पाटना, बंदरगाह के लिए समुद्र में सुरक्षा बांध का निर्माण करना जैसे हाइब्रिड एन्युईटी मॉडेल के तहत काम दिया जाएगा।