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बलिया के भरौली चौराहा पर अवैध वसूली को लेकर एडीजी, डीआईजी का छापा…दो पुलिसकर्मी समेत 18 गिरफ्तार…एसओ नरही समेत नौ पुलिसकर्मी सस्पेंड…50 से अधिक मोबाइल, रजिस्टर और 14 बाइकें बरामद

उमेश गुप्ता / वाराणसी

उत्तर प्रदेश और बिहार सीमा पर बलिया जिले के नरही थाना क्षेत्र के भरौली चौराहा पर ट्रकों से अवैध वसूली की शिकायत पर वाराणसी जोन के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) पीयूष मोर्डिया और डीआईजी आजमगढ़ वैभव कृष्ण ने गुरुवार की भोर में करीब चार बजे छापेमारी की। मौके से दो पुलिसकर्मी समेत करीब 18 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। 50 से अधिक मोबाइल व रजिस्टर मिले हैं और इनकी 14 बाइकें भी पुलिस ने कब्जे में ली है। इसके साथ ही नरही थानाध्यक्ष का कमरा सील कर दिया गया है। पुलिसकर्मियों के बैरक खंगाले गए और उनसे पूछताछ की गई। इन सबके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। गुरुवार की सुबह बलिया से बंदियों को ले जाने वाले वाहन को बुलाकर वहां से पकड़े गए लोगों को नरही थाने पर लाया गया। इस मामले में थानाध्यक्ष समेत 23 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा किया गया है। अभी पांच आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम दबिश दे रही है। एडीजी और डीआईजी की इस कार्रवाई से वसूली में लिप्त पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों में खलबली मच गई है।
डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि मौके से दो पुलिसकर्मी समेत 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मौके से 37,500 नकदी बरामद किए गए। इसके साथ ही नरही थाना प्रभारी पन्नेलाल समेत नौ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। कोरंटाडीह चौकी के प्रभारी समेत चौकी के सभी पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया। सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मौके से पकड़े गए दो सिपाही समेत 18 लोगों का चालान कर दिया गया। डीआईजी ने बताया कि भरौली चौराहे से प्रतिदिन एक हजार ट्रकें गुजरती हैं। पुलिसकर्मी प्रति ट्रक 500 रुपए की वसूली करते थे।
भरौली यूपी और बिहार सीमा पर स्थित है। पुलिस की वसूली के लिए यह चौराहा चर्चित है। बिहार से लाल बालू, कोयला, शराब और मवेशी लदे वाहनों, ओवरलोड ट्रकों से यहां वसूली की शिकायतें मिली रही थीं। इसके अलावा पुलिस वसूली और लोकेशन देने की शिकायतें थीं। इसके बाद इन वसूली करनेवाले सिपाहियों और उनके गुर्गों की धर-पकड़ के लिए एडीजी, डीआईजी क्राइम ब्रांच की टीम के साथ बुधवार की रात 12 बजे ही बक्सर पंहुच गये थे। इसके बाद सटीक सूचना मिलते ही भोर में छापेमारी कर दी गई। मौके से वसूली करते रंगेहाथ दो सिपाही और 16 लोकेशन देने वाले धर-दबोचे गये। इसकी सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष पन्नेलाल भाग गये। यहां बालू लदे ट्रकों से वसूली के चलते गाजीपुर से पूर्वांचल एक्सप्रेस वे तक 18 किमी जाम लम्बा लगता जाता था। पता चला कि पुलिस ने वसूली के लिए यहां निजी लोगों को कमीशन पर लगा रखा था।
आरोपित पुलिसकर्मियों समेत उनके गुर्गों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 111, 309 (4), 310 (2), 61 (2), 318, 7 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 13 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इनके खिलाफ डीआईजी कार्यालय के इंस्पेक्टर सुशील कुमार ने मुकदमा दर्ज कराया है, जिन पुलिसकर्मियों और उनके गुर्गों को खिलाफ मुकदमा दर्ज है उनमें कांस्टेबल हरिदयाल सिंह, कांस्टेबल सतीष गुप्ता के अलावा रविशंकर यादव, विवेक शर्मा, जितेश चौधरी, वीरेंद्र राय, सोनू सिंह, अजय कुमार पांडेय, वीरेंद्र सिंह यादव, अरविंद यादव, रमाशंकर चौधरी, जवाहिर यादव, धर्मेंद्र यादव, विकास राय, हरेंद्र यादव, सलाम अंसारी, आनंद कुमार ठाकुर, दिलीप कुमार यादव, हेड कांस्टेबल विष्णु यादव, कांस्टेबल दीपक मिश्रा, कांस्टेबल बलराम सिंह, थानाध्यक्ष पन्नेलाल, कोरंटाडीह चौकी प्रभारी राजेश कुमार प्रभाकर हैं।

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