सामना संवाददाता / मुंबई
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र आगे बढ़ रहा था और उसे नजर लग गई। पीठ में खंजर खोपा गया, आज महाराष्ट्र में सब तरफ अंधेरा छाया है। एक भी दरवाजा दिख नहीं रहा है, जिससे हम लोग बाहर निकल सकें। लेकिन इस अंधकार से शिवसेना के हाथ में एक अलग यंत्र आया है। धधकती मशाल, जो विशाल अंधकार से महाराष्ट्र को बाहर ले जाएगी। ऐसा जबरदस्त आत्मविश्वास शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता, युवासेना प्रमुख आदित्य ठाकरे ने कल गोरेगांव में छत्रपति संभाजी महाराज मैदान में कार्यकर्ताओं के लिए आयोजित ‘शिवगर्जना’ सम्मेलन में की।
‘भाजपा और गद्दारों के बीच विवाद शुरू हो गया है। भाजपा के मन में प्रश्न उठाने लगा है कि जो हुआ है, वह सही हुआ है क्या? क्योंकि जिन ३३ देशों ने ‘मिंधे’ की गद्दारी को संज्ञान में लिया है, उनके सर्वे में उन्हें पता चला कि जो हुआ है, वह योग्य नहीं है। गद्दारी उन्हें जंची नहीं है।’
मुख्यमंत्री फेसबुक लाइव करने लगे हैं। अब तो वे प्रधानमंत्री को भी पीछे छोड़ने लगे हैं। ऐसी खिल्ली आदित्य ठाकरे ने उड़ाई।
गद्दार मुख्यमंत्री की कुर्सी जल्दी जाने वाली है। इस मौके पर कल आदित्य ठाकरे ने कहा कि पचास खोके एकदम ओके, ऐसी घोषणा सदन में किसी ने दी तो उसके पीछे पुलिस लगाई जाती है क्योंकि उसके नाम से उनकी नींद उड़ जाती है।
२८ घंटे में ४ करोड़ रुपए खर्च, उद्योग शून्य
राज्य सरकार पर प्रहार करते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि देवास में ‘मिंधे’ सरकार के मंत्री २८ घंटे रहे और ४० करोड़ रुपए खर्च किए। उन्होंने तमाम जगह सिर्फ घूमने और शॉपिंग में समय बिताया। राज्य के लिए निवेश के नाम पर ४ फर्जी कंपनियों के सहारे उन्होंने सिर्फ बड़ी-बड़ी घोषणाएं की हैं। यह सब गलत तरीके से किया गया है। मुझे दुख इस बात का है कि ‘मिंधे’ सरकार के कारनामों के चलते महाराष्ट्र पीछे जा रहा है। राज्य में उद्योग-धंधे सब चौपट हो रहे हैं। उद्योग दूसरे राज्यों में जा रहे हैं और किसान आत्महत्या को मजबूर हो रहा है। जबकि पिछली सरकार राज्य को स्वर्णिम काल में लेकर गई थी।
भंगार इंजन की सरकार
महाविकास सरकार से इस सरकार की तुलना करते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि महाविकास आघाड़ी की सरकार कोरोना जैसी महामारी से निपटने में सफल रही थी। पर इस सरकार के आते ही उद्योग गुजरात जाने लगे, मुझे इसका दुख नहीं है। दुख इस बात का होता है कि हमारे अधिकार के वेदांता फॉक्सकॉन जैसे उद्योग सरकार की लापरवाही के चलते दूसरे राज्य में चले गए। यह सरकार डबल इंजन की नहीं बल्कि भंगार इंजन की सरकार है, लेकिन इसके बाद भी इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।
राज्य को आखिर कौन चला रहा है, मुंबई की एफडी पर नजर
राज्य में शिंदे-फडणवीस की जोड़ी पर तंज कसते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि सीएम या सुपर सीएम, आखिर राज्य को कौन चला रहा है? सवाल मुख्यमंत्री से करो तो जवाब उपमुख्यमंत्री देते हैं। राज्य में कृषि, उद्योग सब चौपट हो गए हैं। अब मुंबई को भी उसी तरह से नष्ट करने की इनकी योजना है। मनपा में शिवसेना के कार्यों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि पिछले २५ वर्षों से शिवसेना के नेतृत्व में मुंबई मनपा में बहुत सारे काम हुए हैं। १९९७ से अब तक ९० हजार करोड़ के मुनाफे में मनपा को लाया गया है। लेकिन अब उनकी निगाह ९० हजार करोड़ पर पड़ी है। यह लोग सवाल उठा रहे हैं कि ९० हजार करोड़ का क्या करना है? किसके लिए है? तो मैं बता दूं कि यह मुंबईकरों के लिए है, यह उनके हक का पैसा है।
मुंबईकरों को विश्वस्तर की सुविधाएं
मुंबईकरों को दी जानेवाली सुविधाओं का उल्लेख करते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि हमने मुंबई मनपा की ओर से जनता को कोस्टल रोड जैसी टोल प्रâी सड़क सुविधा देने की योजना बनाई है। साथ ही बिजली, पानी आदि मामलों में मुंबईकरों को विश्वस्तर की सुविधा दी जाती है। यहां तक कि बेस्ट जैसी इतनी सस्ती और मस्त बस सेवा पूरी दुनिया में कहीं नहीं है। सड़कों पर ३,८३७ बसें चलती हैं। प्रदूषण नियंत्रण के लिए हमारी योजना थी कि ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसों को उतारा जाए। हम सत्ता में होते तो अब तक सबसे अधिक बसें उतार चुके होते। लेकिन इन्होंने सिर्फ दो बसें उतारी हैं। पैसे के लिए ठेकेदार तक बदल दिया। इन्हें अपनी जेब में पैसा चाहिए। हिंदूहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे दवाखाना योजना हमारी योजना है। हमारी सरकार इसे लाई थी। लेकिन इस पर २ लोगों ने अपने पोस्टर चिपकाकर कब्जा कर लिया है। महाराष्ट्र में यही चल रहा है। तानाशाही की सरकार है। ये यहां पर सिर्फ अपना और सिर्फ अपना कब्जा रखना चाहते हैं।
मनपा स्कूलों की स्थिति सुधरी
शिक्षा सेवा का उल्लेख करते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि हमारा सपना था कि मनपा स्कूलों में प्रवेश के लिए कतार लगे। आज वही हो रहा है। मनपा स्कूलों के लिए लोग विधायकों से पत्र मांग रहे हैं। प्रवेश के लिए लाइन लग रही है। सीबीएसई, एसएससी, आईबी जैसे अंतरराष्ट्रीय बोर्ड की पढ़ाई हो रही है। इस वक्त मनपा स्कूलों की स्थिति बदल गई है। हमने मुंबईकरों को ५०० वर्गफुट तक का प्रॉपर्टी टैक्स प्रâी कर दिया है। इतना ही नहीं, मुंबईकरों को अतिरिक्त पानी मिल सके इसके लिए मनपा में डिसेलिनेशन परियोजना लगाने का पैâसला किया था। सिर्फ १,२०० करोड़ रुपए में, यदि बांध बनाकर हम पानी लाते तो हमें इससे कई गुना अधिक खर्च करना पड़ता और ५,००० वृक्ष भी काटने पड़ते।
सड़क बनाने के नाम पर बड़ा घोटाला
ईडी सरकार ने मुंबई में सड़कें बनाने की घोषणा की है। इस पर उन्होंने कहा कि सरकार जनता की मेहनत की कमाई को लूट रही है। ४०० किलोमीटर सड़क को कंक्रीट की बनाने के लिए एक साथ मंजूरी वैâसे दे दी गई? आज असंवैधानिक मुख्यमंत्री ने अपने लोगों के लिए इतना बड़ा भ्रष्टाचार वाला पैâसला लिया। एक सड़क बनाने के लिए ४० विभागों और १६ एजेंसियों की अनुमति लगती है। लेकिन यहां पर तो अगस्त में मनपा के प्रशासक ने ४०० किमी सड़क निर्माण के लिए ५,००० करोड़ रुपए की निविदा निकाली। बाद में उसे रद्द कर ७ हजार करोड़ रुपए की निविदा निकाली गई, वह भी जीएसटी अलग से देने का निर्णय हुआ। उस टेंडर में ६८ प्रतिशत तक इजाफा किया गया है।