नागेंद्र शुक्ला / मुंबई
पिछले १६ वर्षों से बिल्डरों के चंगुल में फंसी अंधेरी पूर्व की ९८६ निवासियों की जर्जर हो चुकी पीएमजीपी कॉलोनी के पुनर्विकास का आखिर मुहूर्त निकल गया है। अब इस कॉलोनी का स्वयं म्हाडा ने पुनर्विकास करने का पैâसला लिया है, जिसके लिए एक आर्किटेक्ट नियुक्त करने जा रही है। इस कॉलोनी के पुनर्विकास के बाद मुंबईकरों को लॉटरी के लिए एक हजार से अधिक घर प्राप्त होंगे।
गौरतलब है कि अंधेरी- पूर्व में १७ इमारतों वाली पीएमजीपी कॉलोनी है। इन इमारतों में ९८६ निवासी रह रहे हैं। ये इमारतें जर्जर हो चुकी हैं। चूंकि परियोजना पिछले १६ वर्ष पूर्व बिल्डर को विकास के लिए दी गई थी बिल्डरों ने पैसा नहीं होने का रोना रोकर पुनर्विकास को लटका के रखा था। इमारतों पर मंडरा रहे खतरे से बचने के लिए म्हाडा ने बिल्डरों पर कार्रवाई करते हुए म्हाडा द्वारा दिए गए सभी अधिकारों को रद्द कर दिया है। गृह निर्माण विभाग के अधिकारियों ने डेवलपर की वित्तीय क्षमता की कमी को जिम्मेदार ठहराया। तदनुसार, म्हाडा को पुनर्विकास की जिम्मेदारी सौंपी है।
बताया जा रहा है कि कॉलोनी के पुनर्विकास हेतु म्हाडा के पास धन नहीं था। अंतत: म्हाडा के मुंबई बोर्ड के अधिकारियों ने इसका समाधान निकाला और निर्माण एवं विकास एजेंसी के माध्यम से इस कॉलोनी का पुनर्विकास करने का निर्णय लिया है।
१६ मंजिली होगी इमारत
म्हाडा के मुंबई बोर्ड ने इस कॉलोनी के पुनर्विकास के लिए एक वास्तुकार नियुक्त करने का निर्णय लिया है। म्हाडा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चूंकि अंधेरी-पूर्व में इमारत की ऊंचाई पर प्रतिबंध है इसलिए बोर्ड इस जगह पर १६ मंजिला इमारतें खड़ी करके म्हाडा बिक्री के लिए अधिक घर पाने की कोशिश कर रहा है।