पिछले सप्ताह चेन्नई में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पुणे में `काम के दबाव’ में हुए युवती की मौत पर बड़ा ही क्रूर बयान दिया था। उन्होंने कहा था, `आप जो भी पढ़ाई या नौकरी करें, आपमें उसका दबाव झेलने की ताकत होनी चाहिए। उनके इस बयान के बाद कांग्रेस ने इसे बेहद क्रूर बताया था और वित्त मंत्री की आलोचना की थी। सोशल मीडिया पर भी लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिली थीं। वित्त मंत्री पर असंवेदनशील टिप्पणी करने तथा वास्तविक मुद्दे से ध्यान भटकाने का आरोप लगाया। लेकिन अब लगता है वित्त मंत्री को अपनी गलती समझ में आई और यही वजह है कि उन्होंने अपने बयान से पलटी मारी है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ईवाई की २६ वर्षीय कर्मचारी एना सेबेस्टियन पेरायिल की मौत पर अपनी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि उनका किसी भी तरह से पीड़िता को शर्मिंदा करने का इरादा नहीं था। उन्होंने कहा, `विशेष रूप से उल्लेख किया था कि सीए जैसी कठिन परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उन पर तनाव असहनीय था।’ सोशल मीडिया `एक्स’ पर एक पोस्ट में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने सीतारमण पर `पीड़ितों को शर्मिंदा करने’ का आरोप लगाया।