मध्य प्रदेश के उमरिया में सरपंच और सचिव यमराज की भूमिका को निभाते नजर आ रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि जिला प्रशासन ने जीवित महिला की शिकायत के बाद भी आज तक सरपंच सचिव पर कोई कार्रवाई नहीं की है। दरअसल, जीवित महिला को मृत घोषित होने के बाद शासन की किसी भी योजना का लाभ जीवित महिला को नहीं मिल रहा है। यहां तक कि सरपंच व सचिव मिल कर उसके अंत्येष्टि एवं संबल योजना अंतर्गत जो राशि मिलनी थी, उसे भी हजम कर ली है।
मामला उमरिया जिले के मानपुर ब्लॉक के अंतर्गत अमरपुर ग्राम का है। यहां पर सरपंच, सचिव के द्वारा एक जीवित महिला को कागजों में मृत घोषित कर दिया गया है और उसके अंत्येष्टि एवं संबल योजना में मिलने वाली राशि पर हाथ साफ कर दिया। इस बात की शिकायत जनसुनवाई में उमरिया कलेक्टर से की, लेकिन अभी तक न कोई कार्रवाई हुई और न ही मृत महिला जीवित हो पाई। वह कब मरी इसकी जानकारी उसे अपनी बेटी की शादी के दौरान पता चली, जब वह पंचायत भवन पहुंची तो वहां पता चला कि उसे मृत घोषित कर दिया गया है। इसके बाद वो उमरिया कलेक्टर को यह शिकायत की कि सरपंच और सचिव मिलकर मेरे साथ ऐसा बर्ताव किया है। इस मामले में कलेक्टर का कहना है कि हम इस मामले की जल्द से जल्द जांच कर कर दोषियों के प्रति कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेंगे।