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कसबा के बाद कर्नाटक पर कहर! …कांग्रेस के सर्वेक्षण में भाजपा का सूपड़ा साफ

• ३५ फीसदी सीटों पर भी कमल का खिलना मुश्किल
•२२४ में से १४० सीटों पर कांग्रेस ने किया जीत का दावा
सामना संवाददाता / बंगलुरु
हाल ही में पुणे के कसबा विधानसभा के उपचुनाव में बुरी तरह हारनेवाली भाजपा के बुरे दिन शुरू हो गए हैं। कर्नाटक विधानसभा का चुनाव नजदीक आता जा रहा है और वहां राजनीतिक सरगर्मियां तेज होने लगी हैं। इसी दौरान कांग्रेस ने एक आंतरिक सर्वेक्षण कराया है, जिसके नतीजे भाजपा के लिए परेशानी भरे हो सकते हैं। इसके अनुसार कसबा के बाद अब कर्नाटक पर कहर बरपने वाला है और भाजपा का सूपड़ा साफ हो जाएगा व वह सत्ता से बाहर हो जाएगी। सर्वेक्षण के अनुसार ३५ फीसदी सीटों पर भी भाजपा के कमल का खिलना मुश्किल हो जाएगा।
बता दें कि कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर सर्वे किया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने मंगलवार को दावा किया कि सर्वे से पता चला है कि कांग्रेस आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनावों में २२४ सीटों में से १४० से अधिक सीटें जीतने जा रही है। उन्होंने ये भी कहा कि आनेवाले दिनों में सत्तारूढ़ भाजपा के कई मौजूदा विधायक पार्टी में शामिल होंगे।
बता दें कि भाजपा के दो पूर्व विधायकों और मैसूर के पूर्व मेयर ने गत मंगलवार को ही कांग्रेस का हाथ थामा है। भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होनेवाले तीन नेताओं में कोल्लेगला के पूर्व विधायक जी.एन. नंजुंदास्वामी, बीजापुर के पूर्व विधायक मनोहर आइनापुर और मैसूर के पूर्व मेयर पुरुषोत्तम शामिल हैं। शिवकुमार ने यह भी दावा किया कि भाजपा २०२२ के गुजरात चुनाव के नतीजे आने के तुरंत बाद कर्नाटक में चुनाव कराना चाहती थी, लेकिन इस कदम से पीछे हट गई।
शिवकुमार ने कहा कि पूर्व विधायक भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। आनेवाले दिनों में हम उन मौजूदा विधायकों की सूची की भी घोषणा करेंगे, जो शामिल होंगे। इस संबंध में चर्चा चल रही है। मैं फिलहाल किसी के नाम का खुलासा नहीं करूंगा। उन्होंने कहा कि नेता बिना किसी शर्त के कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं और पार्टी की विचारधारा और नेतृत्व को स्वीकार कर रहे हैं। कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हमारे पहले के सर्वे में हमारी सीटों की संख्या १३६ होने का अनुमान लगाया गया था और अब हमारा सर्वे १४० सीटों से ऊपर का अनुमान लगा रहा है। बदलाव शुरू हो गया है। हम इसे पूरे राज्य में यात्रा करते हुए देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव के लिए लगभग ५० दिन शेष हैं, लेकिन इसमें देरी हो रही है। इसका कारण यह है कि भाजपा को लगता है कि जितने दिन उन्हें मिलेंगे, उतना ही उनके लिए फायदेमंद होगा, इसलिए वे इस तरह के प्रयास कर रहे हैं। राज्य में मई तक विधानसभा चुनाव होने हैं। उन्होंने दावा किया कि हर दिन शॉर्ट टर्म टेंडर हो रहे हैं, एडवांस जुटाए जा रहे हैं और बिना कुछ देखे जल्दबाजी में पैसा जारी किया जा रहा है। कांग्रेस चुनावों के लिए तैयार है, भले ही यह तुरंत आयोजित हो। चुनाव आयोग को तुरंत चुनाव की तारीखों की घोषणा करनी चाहिए और बड़े पैमाने पर हो रहे इस भ्रष्टाचार को रोकना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को किसी भी मंच पर बहस के लिए चुनौती भी दी।

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