मुख्यपृष्ठग्लैमरउसके बाद मेरी जिंदगी बदल गई!-विकी कौशल

उसके बाद मेरी जिंदगी बदल गई!-विकी कौशल

बतौर कंप्यूटर इंजीनियर नौकरी करनेवाले विकी कौशल ने अपने पैशन के चलते अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा और बतौर अभिनेता इंडस्ट्री में अपना एक अलग मकाम बना चुके हैं। ‘सैम बहादुर’, ‘द ग्रेट इंडियन फैमिली’, ‘जरा हट के जरा बच के’, ‘गोविंदा नाम मेरा’, ‘सरदार उधम सिंह’ जैसी फिल्मों के बाद विकी की लेटेस्ट रिलीज फिल्म है ‘बैड न्यूज’। पेश है, विकी कौशल से पूजा सामंत की हुई बातचीत के प्रमुख अंश-
-फिल्म ‘बैड न्यूज’ में निभाया गया आपका किरदार कितना अलग है?
मेरे किरदार का नाम है अखिल चड्ढा, जो दिल्ली में रहनेवाला एक लाउड पंजाबी बंदा है। अमूमन पंजाबी लड़के जिस तरह मस्तमौला और खुशमिजाज होते हैं, वो सारे लक्षण अखिल चड्ढा में भी हैं। मेरे और अखिल के ये गुण एक सरीखे हैं। कुछ किरदारों के कुछ गुण व्यक्तिगत रूप से मुझसे मिलते रहे हैं, लेकिन किरदारों की सभी विशेषता मुझसे मैच नहीं हो सकती। यही तो फर्क है रील और रियल जिंदगी में।
-व्यक्तिगत जीवन में आप बुरी घटनाओं को किस तरह लेते हैं?
मैं ही क्या कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में बुरी खबर अर्थात बैड न्यूज नहीं चाहता। फिल्म ‘बैड न्यूज’ में कहानी को कॉमेडी के रूप में पेश किया गया है, अगर असलियत में बुरी घटना होती है तो वहां कॉमेडी के लिए कोई स्थान नहीं हो सकता। मुश्किल समय में परिवार का साथ होना निहायत जरूरी होता है। असलियत में जब हमारे परिवार का मुश्किल दौर चल रहा था हम सभी परिवार वालों ने धैर्य और साहस के साथ उसका सामना किया। वो हमारे स्ट्रगल का दौर था। बुरा दौर था, लेकिन बुरी घटना नहीं।
-इस कॉमेडी फिल्म में काम करना कैसा रहा?
आनंद तिवारी के साथ मैंने फिल्म ‘लव पर स्क्वायर फुट’ की थी, जो उनकी डेब्यू फिल्म थी। उसी फिल्म से हमारे बीच पारिवारिक रिश्ते बन गए। हम दोनों में दिल का रिश्ता बन चुका है। ‘बैड न्यूज’ के दौरान सेट पर काफी हल्का-फुल्का माहौल रहता था। फिल्म शुरू होकर कब खत्म हुई पता ही नहीं चला।
– पत्नी कैटरीना कैफ के मुकाबले आप खुद को डांस में कहां पाते हैं?
ज्यादातर पंजाबी लोगों के खून में डांस होता ही है। मुझे बारात में डांस करना अच्छा लगता है। मैं खुद को ‘बाराती डांसर’ कहलाना पसंद करता हूं। वैâटरीना ने कई बार कहा भी है कि मैं डांस सच्चे दिल से करता हूं, जिसमें मैं बेहद खुश नजर आता हूं, लेकिन साथ ही वो यह भी कह चुकी हैं कि आपका डांस फिल्म के लिए अनुकूल नहीं है। जब वैâटरीना ने मेरा ‘तौबा तौबा’ डांस देखा तो इस परफॉर्मेंस के लिए उसने मुझे फुल मार्क्स दिए। वैâटरीना जैसी बेहतरीन डांसर से मिला यह सर्टिफिकेट मुझे खुशी और जोश दे गया।
– कैटरीना और आप में इमोशनल कौन है और प्रैक्टिकल कौन?
हम दोनों एक-दूसरे से बहुत प्यार करते हैं। अगर मैं प्रैक्टिकल हूं तो वो इमोशनल और सेंसेटिव है। असल जीवन में हम दोनों के स्वभाव अलग हैं, लेकिन हमने एक-दूसरे की अच्छाइयों और भिन्न स्वभाव के साथ जीना सीख लिया। कैटरीना के आने के बाद मैंने इमोशनल होना सीखा तो कैटरीना ने थोड़ा प्रैक्टिकल होना सीखा। हम दोनों एक-दूसरे के लिए पजेसिव और रोमांटिक हैं।
– आपकी आनेवाली फिल्म ‘छावा’ की क्या खासियत है?
मेरी आनेवाली फिल्म ‘छावा’ के ज्यादा डिटेल्स मैं शेयर नहीं कर सकता। छत्रपति संभाजी महाराज की जीवनी पर बनी यह फिल्म है। यह फिल्म मेरे दिल के करीब है।
-जीवन में आए निराशा के पलों में कभी आपको अभिनय के क्षेत्र में आने का पछतावा नहीं हुआ?
मुझे उस वक्त निराशा ने काफी घेरा जब करियर के शुरुआती दौर में मैं ऑडिशन में दो मर्तबा फेल हुआ। जिस फिल्म ने मेरे लिए रास्ता बनाया और एक सफल एक्टर बनने में मुझे योगदान दिया वो फिल्म थी ‘मसान’। मैं ‘मसान’ की ऑडिशन में फेल हुआ था। दूसरी बार जब इस फिल्म का ऑडिशन मैंने दिया, उस वक्त सबसे पहले महसूस किया कि बनारस में श्मशान भूमि में काम करनेवाले इंसान दीपक कुमार को दर्शाता है, जिसने क्या कुछ नहीं देखा और झेला। मैंने दीपक कुमार का दर्द महसूस किया और मैं ‘मसान’ के लिए सिलेक्ट हुआ। दो महीने मुझे बनारस में रहना पड़ा। एक बार तो मुझे लगा कि कंप्यूटर इंजीनियर की सिक्योर्ड नौकरी छोड़कर मैंने कोई भूल तो नहीं की, लेकिन फिल्म ‘मसान’ की रिलीज के बाद मेरी जिंदगी बदल गई।

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