सामना संवाददाता / मुंबई
बुधवार दोपहर गेटवे ऑफ इंडिया से ‘नीलकमल’ यात्री बोट से एलिफेंटा के लिए निकले यात्री नौसेना की स्पीड बोट रोमांच देख रहे थे। कई यात्री तेज गति से टेढ़ी-मेढ़ी करती चल रही स्पीड बोट को मोबाइल कैमरे में कैद करने के मोह में घूम रहे थे, लेकिन उनका ये रोमांच एक पल में जानलेवा बन गया। नौसेना की स्पीड बोट यात्री बोट ‘नीलकमल’ से टकराई और पलभर में जलसमाधि हो गई। इसी के साथ ही लोगों की चीख-पुकार सुनाई देने लगी। सबकी निगाहें केवल इस पर थी कि क्या इस अथाह सागर में कोई मदद के लिए दौड़ेगा, इनमें से कुछ यात्रियों ने अपने कड़वे अनुभव बताए।
मुंबई में रहनेवाले गौतम गुप्ता अपनी मां रामजी देवी और बहन रीता को गाजीपुर से एलिफेंटा गुफाएं दिखाने के लिए ‘नीलकमल’ से एलिफेंटा जा रहे थे। नौका के ऊपरी हिस्से में बैठे गौतम आस-पास के दृश्यों को मोबाइल फोन के कैमरे में कैद करने में तल्लीन थे। उसी समय यह हादसा हुआ। उन्होंने कहा कि जब हमारी नाव चल रही थी तो सामने से एक स्पीड बोट हमारी ओर आ रही थी। इस स्पीड बोट ने ‘नीलकमल’ के तीन चक्कर लगाए और फिर हमारी नाव से टकरा गई। मैं, रीता और मेरी मां पानी में गिर गए। हालांकि, रीता और मुझे अन्य नाव यात्रियों द्वारा बचा लिया गया था। गौतम ने बताया कि मां कहां हैं, इसकी कोई जानकारी नहीं मिली।
माता-पिता से मिलने की है आस
मालाड में रहनेवाले दंपति संतोषी देवी और अंसाराम भाटी अपने बेटे तरुण के साथ बुधवार को गेटवे ऑफ इंडिया पर एलिफेंटा गुफाएं देखने आए थे। वे एलिफेंटा से नाव में सवार होकर निकले और उनकी नाव दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसा होते ही अफरा-तफरी मच गई, लेकिन इस असमंजस में मिली लाइफ जैकेट पहनने से तरुण की जान बच गई। उन्हें सेंट जॉर्ज अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन अपने माता-पिता का पता न मिल पाने के कारण वे बेचैन थे। इसी के साथ उन्हें अब माता-पिता से मिलने की आस है।
लगा सदमा
इस हादसे से भयभीत एक यात्री बी अनिल कुमार ने कहा कि मैं दूसरी बार एलिफेंटा गुफाएं देखने आया था, लेकिन दुर्घटना ने मुझे सदमे में डाल दिया। उन्होंने कहा कि मैं भविष्य में कभी भी इस यात्री नाव से यात्रा नहीं करूंगा। अनिल कुमार और अशोक नारकप्पा दोनों व्यापार के सिलसिले में तेलंगाना से मुंबई आए थे।
बच गए चौधरी बंधु
कुर्ला में ऑफिस चेयर बनाने का काम करनेवाले नाथाराम चौधरी गांव से आए भाई सर्वंथा और जीतू एलिफेंटा गुफाएं दिखाने आए थे। जैसे ही वे एलिफेंटा के पास पहुंचे, एक स्पीड बोट ने उनकी नाव को टक्कर मार दी। नाव के ऊपरी हिस्से में बैठे तीनों ने लाइफ जैकेट पहनी और पानी में कूद पड़े। नाथाराम ने बताया कि दूसरी नाव पर सवार यात्रियों ने उसे बचा लिया। नथाराम और जीतू का इलाज सेंट जॉर्ज अस्पताल में किया गया।
तेज गति में थी यात्री बोट
बंगलुरु से मुंबई घूमने आए राममिलन सिंह, किरण एल.ई. और उनके दो साथी एलिफेंटा गुफाएं देखने गए जा रहे थे। राममिलन सिंह और किरन सौभाग्य से इस दुर्घटना में बच गए, लेकिन उनके साथ मौजूद दो साथियों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलने से वे डर गए थे। उन्होंने यह भी कहा कि यात्री नाव का चालक काफी तेजी से नाव चला रहा था।