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एरोली-कलवा एलिवेटेड कॉरिडोर परियोजना …अधूरे काम और लंबित भूमि अधिग्रहण ने बढ़ाई चिंता

अभिषेक कुमार पाठक / मुंबई
मुंबई में बढ़ती आबादी के साथ ही नए ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता भी बढ़ती जा रही है। समय के साथ मुंबई यात्रा के लिए लोकल ट्रेन की कनेक्टिविटी के बेहतर विकल्प की जरूरत है। लेकिन इस सरकार ने अपनी इन बातों को तवज्जो देना जरूरी नहीं समझा है।
एरोली-कलवा एलिवेटेड कॉरिडोर परियोजना, जो क्षेत्र के यातायात को सुगम बनाने और कनेक्टिविटी में सुधार लाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी, अपने लक्ष्य से काफी पीछे चल रही है। इस परियोजना की कुल लागत ४७६ करोड़ तय की गई थी, जिसमें अब तक केवल ४६ फीसदी काम पूरा हो पाया है। परियोजना को ३६ महीने के भीतर पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन पुनर्वास और भूमि अधिग्रहण में देरी के कारण यह अभी भी अधर में लटकी हुई है।
भूमि अधिग्रहण की धीमी गति
परियोजना के लिए कुल २.४० हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, जिसमें ०.५३ हेक्टेयर निजी भूमि और १.८७ हेक्टेयर सरकारी भूमि शामिल है। हालांकि, सरकारी भूमि का अधिग्रहण पूरा हो चुका है, लेकिन निजी भूमि का अधिग्रहण अभी भी लंबित है। यह देरी निर्माण कार्यों को शुरू करने में सबसे बड़ी बाधा बन रही है, जिससे समय सीमा पर सवाल उठ रहे हैं।

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