– परियोजना की बढ़ेगी लागत
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएमआरडीए) द्वारा क्रियान्वित ऐरोली-कटाई नाका रोड प्रोजेक्ट एक बार फिर देरी का शिकार होता नजर आ रहा है। तीसरे चरण के काम की शुरुआत जल्द होने की उम्मीद जताई जा रही है, लेकिन पहले और दूसरे चरण के कार्य में अब तक पूरी प्रगति नहीं हो सकी है। एमएमआरडीए का दावा है कि पहले दो चरणों को अक्टूबर २०२५ तक ट्रैफिक के लिए खोल दिया जाएगा, लेकिन मौजूदा प्रगति के अनुसार यह समय सीमा मुश्किल लगती है।
तीसरे चरण का काम कब पूरा होगा?
तीसरे चरण में नेशनल हाईवे (एनएच-४) से काटाई नाका तक एक एलिवेटेड रोड का निर्माण किया जाना है। हाल ही में इसका कॉन्ट्रैक्ट १,९८१.१७ करोड़ रुपए की लागत से दिया गया है। हालांकि, इसके पूरा होने की अवधि ४८ महीने यानी चार साल तय की गई है। यह देरी न केवल प्रोजेक्ट की कुल लागत को बढ़ाएगी, बल्कि क्षेत्रीय यातायात की मौजूदा समस्याओं को भी और बढ़ा सकती है।
पहले और दूसरे चरण की धीमी प्रगति
प्रोजेक्ट के पहले चरण, में ३.४३ किमी लंबा एलिवेटेड और ट्विन टनल रोड शामिल हैं, जो अब तक केवल ९० प्रतिशत ही पूरा हुआ है। इसकी अनुमानित लागत ५५६ करोड़ रुपए है। दूसरा चरण, जो ऐरोली ब्रिज से ठाणे-बेलापुर रोड तक का एलिवेटेड रोड है, केवल ७५ प्रतिशत ही पूरा हो पाया है। इस चरण की लागत ३९५ करोड़ रुपए बताई गई है।
यात्रियों के लिए बनी मुश्किलें
इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से मुंबई ठाणे से कल्याण-बदलापुर तक की यात्रा में ७-८ किमी की दूरी कम हो सकती है। साथ ही यात्रा समय में ४५ मिनट से १ घंटे तक की बचत हो सकती है लेकिन मौजूदा देरी ने यात्रियों को असुविधा में डाल रखा है। ठाणे-बेलापुर रोड, महापे रोड, शीलफाटा और कल्याण फाटा जैसी जगहों पर हर दिन भारी जाम लगता है।
सवालों के घेरे में एमएमआरडीए
एक अधिकारी ने कहा कि ‘यह प्रोजेक्ट यातायात को सुगम और कुशल बनाएगा।’ हालांकि, देरी और लागत में बढ़ोतरी पर कोई ठोस जवाब नहीं दिया गया। यात्रियों का कहना है कि यह प्रोजेक्ट केवल कागजों पर तेजी से बढ़ता दिख रहा है, जबकि असलियत में देरी ने उनकी दिक्कतों को और बढ़ा दिया है। उक्त प्रोजेक्ट अगर समय पर पूरा नहीं हुआ तो यातायात का काफी दबाव बढ़ेगा जिससे यात्रियों को लंबे समय तक जाम जैसी असुविधाओं का सामना करना पड़ेगा।