सामना संवाददाता / मुंबई
केंद्र और राज्य में आज भाजपा की सरकार है। दंगे में किसका हाथ है, इसकी भाजपा जांच कराए… ‘दूध का दूध, पानी का पानी’ लोगों के सामने आने दो… अलग-अलग राजनीतिक दलों का नाम लेने की बजाय पुलिस यह पता लगाए कि दंगे किसने शुरू किए… इसके पीछे के मास्टरमाइंड कौन हैं, उनके नाम सामने आने दो, ऐसी चुनौती प्रतिपक्ष के नेता अजीत पवार ने ‘ईडी’ सरकार को दी है। उन्होंने कहा कि जो भी दोषी है, उसे कड़ी सजा दी जाए। इसमें कोई ढिलाई नहीं बरती जानी चाहिए। लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए, ऐसा अजीत पवार ने जोर देकर कहा। किसानों को बेमौसम बारिश से फसलों के हुए नुकसान का मुआवजा अभी तक नहीं मिला। किसानों के मुद्दे पर ‘ईडी’ सरकार असंवेदनशील है।
सरकार को चढ़ी है मस्ती
अभी जो चल रहा है, उसका एक ही कारण है कि महंगाई को काबू में नहीं लाया जा सकता और बेरोजगारी को कम नहीं किया जा सकता। उद्योगों को लाने के लिए जो अनुकूल माहौल बनना चाहिए था, वह नहीं हो पा रहा है। कानून व्यवस्था नियंत्रण में नहीं आ रही है। महिलाओं, बहनों के साथ अन्याय व अत्याचार हो रहा है। कोयता गैंग ने पुणे में कोहराम मचा रखा है, यह सब क्या हो रहा है… क्योंकि सरकार को मस्ती चढ़ गई है। केंद्र और राज्य में भाजपा की सत्ता है, फिर सावरकर को भारतरत्न देने के लिए किस मुहूर्त का इंतजार कर रहे हैं, ऐसा सवाल भी उन्होंने इस दौरान किया।
विज्ञापन पर सौ करोड़ खर्च!
राज्य की ‘ईडी’ सरकार ने विज्ञापन पर अब ५५ करोड़ नहीं, बल्कि १०० करोड़ रुपए खर्च करेगी क्योंकि अब सरकार के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है। लोगों के सामने कैसे जाएं… जैसे कोई उत्पाद बाजार में बेचना हो तो लोगों को उसके लिए विज्ञापनबाजी करनी पड़ती है। इसी तरह जनता के टैक्स के पैसे से ‘ईडी’ सरकार की मस्त विज्ञापनबाजी शुरू है, ताकि लोग सरकार को न भूलें, ऐसे शब्दों में अजीत पवार ने राकांपा के क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में ‘ईडी’ सरकार पर जमकर हमला बोला।